मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह और सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 20 गवाहों को पेश किया, जिनके बयान दर्ज किए गए। सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने अपने-अपने बयान में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
धनंजय सिंह ने राजनीति से प्रेरित बताया था मामला
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भी अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा था कि उन्हें साजिश के तहत झूठे मामले में लपेटा गया है। उनका दावा था कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी लाल बहादुर पाल ने गवाहों की गवाही कराई थी, लेकिन न्यायालय को यह गवाही और सबूत इतने सशक्त नहीं लगे कि आरोपियों को दोषी ठहराया जा सके। गुरुवार को लंबे समय से लंबित इस मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में असफल रहा। ऐसे में सभी चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है। फैसला आते ही पूर्व सांसद के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, पीड़ित परिवार ने फैसले पर नाराजगी जताई और आगे की कानूनी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।