इनकी नहीं बनी कोई समिति-
वाहनों के चालान की राशि भी इस फंड में जाती है। मॉनिटरिंग डीएलबी के निदेशक के अधीन होती है। इस फंड से रोडवेज, जेसीटीएसएल, मेट्रो के लिए हर साल बजट आवंटित करने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है, लेकिन ग्रीन बेल्ट और पार्क डवलप करने के लिए कोई कमेटी नहीं है। ग्रीन टैक्स की वसूली पर एक नजर (लाखों में) वर्ष वसूली राशि 2021-22 4.50 करोड़ 2022-23 5.00 करोड़ 2023-24 6.50 करोड़ 2024-25 7 करोड़
क्या है ग्रीन टैक्स-
ग्रीन टैक्स प्रदूषण कर और पर्यावरण कर भी कहलाता है। यह एक उत्पाद शुल्क है,जिसे सरकार उन वस्तुओं पर कर लगाकर एकत्रित करती है, जिससे प्रदूषण फैलता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक प्रदूषण फैलाने वाले साधनों के उपयोग के लिए हतोत्साहित करना है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिले। इससे प्राप्त धनराशि को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण कम करने वाले कार्यों पर खर्च किया जाता है। फैक्ट फाइल- प्रदेश में इतना ग्रीन टेक्स वसूला वर्ष टेक्स 2022-23 55.79 करोड़ 2023-24 75.98 करोड़ 2024-25 63.38 करोड़ इस हिसाब से होती है वसूली
-750 रुपए दुपहिया वाहन पर। -2500 रुपए 1500 सीसी तक के चार पहिया वाहन पर। -3500 रुपए 1500 से 2000 सीसी तक के वाहनों पर। -5000 रुपए 2000 सीसी के ऊपर के लाइट मोटर व्हीकल से।
-7500 रुपए 5000 सीसी से ऊपर के वाहनों पर । -2000 रुपए ट्रक पर। -500 रुपए थ्री व्हीलर पर। – 1500 रुपए लाइट टैक्सी पर
कहां जा रही राशि-
आरटीओ की ओर से अलग-अलग वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जा रहा है। इस टैक्स की मोटी रकम कहां उपयोग हो रही है, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को भी नहीं है। विभाग की ओर से जमा किए गए ग्रीन टैक्स की राशि को राजकोष में जमा करा दिया जाता है।
इनका कहना है-
ग्रीन टैक्स की राशि राज्य सरकार के मद में जमा कराई जाती है। इस संबंध में मुख्यालय से कोई दिशा-निर्देश मिलेंगे तो उसकी पालना की जाएगी। हमारी तरफ से लगातार प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
समीर जैन, जिला परिवहन अधिकारी, झालावाड़।