भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की झालावाड़ चौकी को परिवादी अकलेरा तहसील के गांव थनावद निवासी वेदपाल मीणा द्वारा 22 अप्रैल को मोबाईल से सूचना दी। 23 अप्रैल को शिकायत दी गई कि, प्रार्थी की बहिन के नाम 18 बिस्वा कृषि भूमि खांडियामील चौराहे के पास नेशनल हाईवे रोड़ पर स्थित है। जिसको वह अपने पुत्र के नाम दान पत्रिका कर रही है। जिसके सम्बंध में प्रार्थी अपनी बहिन को साथ लेकर तहसील असनावर में गया वहां पर पटवारी बसंत से मिला और रजिस्ट्री के बारे में जानकारी की तो उन्होंने कहा कि मैं असनावर तहसीलदार से बात करके बताता हूँ। फिर उन्होने मुझे बताया कि तहसीलदार ने कहा है कि अपना काम करवाने के लिए गोपाल राठौर ई-मित्र स्टाम्प वालों से मिल लो। इस पर मैं गोपाल राठौर से मिला तो गोपाल राठौर ने कहा कि रजिस्ट्री के 40 हजार रुपए लगेगें। जिसकी रसीद देगें और 20 हजार रूपए अलग से लगेंगे, जो कन्ट्रक्शन के होगें। जिस पर परिवादी ने 40 हजार रुपये 21 अप्रैल को दिए तो गोपाल राठौर ने परिवादी के फोटो खींचकर दस्तावेज ले लिए। उसके बाद गोपाल राठौर ने कहा कि तहसीलदार व पटवारी 60 हजार रूपए बता रहे है। लेकिन मैंने तहसीलदार से बात करी है तो पटवारी और दोनों को कन्ट्रक्शन के लिए राजी कर लिया।
ऊपर-ऊपर ही देना था-
ऊपर ऊपर ही 20 हजार रूपए देने के लिए कहा है। जिस पर परिवादी ने हां कर दी। परिवादी ने 22 अप्रैल को उसकी बहन के मोबाईल से गोपाल राठौर के मोबाईल पर 15,000 रुपए फोन पे कर दिए और बाकी के 5 हजार रूपये एक दो दिन में देने को कहा। इस पर 23 अप्रेल को रिश्वत मांग का सत्यापन करवलाए जाने पर परिवादी से आरोपी द्वारा रिश्वत की मांग करना प्रमाणित पाए जाने पर कोटा उप महानिरीक्षक पुलिस शिवराज मीणा के सुपरवीजन में गोपाल सिंह कानावत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी चौकी कोटा देहात हाल अतिरिक्त चार्ज एसीबी झालावाड़ के नेतृत्व में साजिद खान पुलिस निरीक्षक द्वारा मय टीम के कार्यवाही करते हुए आरोपी गोपाल राठौर स्टाम्प वेंडर व बसंत सिंह पटवारी को परिवादी से 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी पूछताछ कर अन्य ठिकानों की भी जांच कर रही हे।