रबी फसल की बंपर पैदावार के बाद झालरापाटन हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी में नई फसलों की बंपर आवक हो रही है। कृषि उपज मंडी में शनिवार को सभी तरह की उपज की 20 हजार कट्टों की आवक हुई। जिसमें सर्वाधिक तादाद में गेहूं की आवक हुई। इसके अलावा सरसों, चना, सोयाबीन, मसूर, धनिया, अलसी, कलौंजी की आवक हुई।
जानकारी के अनुसार मंडी यार्ड में माल खाली करने के लिए किसानों को जगह ही नहीं मिल पा रही। शुक्रवार को मंडी बंद रहने के कारण शनिवार सुबह से ही किसान उपज लेकर पहुंचने लगे। सुबह 11 बजे मंडी परिसर में हर तरफ जिंसों के ढेर लग गए। इससे बाद में आए किसानों को जिंस के ढेर लगाने के लिए इंतजार करना पड़ा। इस बार बंपर पैदावार होने से किसानों को उनकी उपज का भाव उतना नहीं मिल रहा है जितना पिछले वर्षों में मिला है। यही नहीं नया गेहूं भी 2350 से 2620 रुपए प्रति क्विंटल बिका है, वही चना 5000 से 5100 रुपए प्रति क्विंटल बिका। मंडी में सोयाबीन की भी आवक जारी है लेकिन किसानों को इसके उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। मंडी में शनिवार को सोयाबीन 3900 से 4080 रुपए प्रति क्विंटल बिकी।
देर रात तक हो रही तुलाई
कृषि उपज मंडी में जिंसों की अधिक मात्रा में आवक होने से इनकी नीलामी में समय लगने के साथ ही तुलाई में देरी हो रही है जिससे किसानों को तुलाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और कई बार तो देर रात तक तुलाई का कार्य चलाना पड़ रहा है।
किसानों को हो रहा नुकसान
सरकार ने समर्थन मूल्य पर चने की खरीद की घोषणा तो कर दी है लेकिन खरीद की तारीख निश्चित नहीं की है। इससे किसानों को खुले बाजार में 800 रुपए प्रति क्विंटल तक का नुकसान उठाकर अपनी उपज को बेचना पड़ रहा है। सरकार ने चने का समर्थन मूल्य 5845 घोषित किया है जबकि किसान को खुले बाजार में व्यापारियों के यहां चना 5000 से 5100 प्रति क्विंटल में बेचना पड़ रहा है।
मंडी परिसर पड़ रहा है छोटा
सभी प्रकार की जिंसों की बंपर पैदावार होने से माल की अधिक आवक होने के कारण मंडी परिसर का मैदान छोटा पडने लगा है। जिससे लोडिंग अनलोडिंग में आने वाली परेशानी को देखते हुए बार-बार मंडी में कारोबार बंद करना पड़ता है। मध्य प्रदेश तक से हो रही है आवक। मंडी में झालावाड़ जिले के विभिन्न स्थानों के अलावा पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश तक से कृषि जिंसों की आवक हो रही है। जिससे माल का दबाव बढ़ता जा रहा है।