25 साल पहले लगाई गई थी रोक
पहले यहां निकलने वाली मूर्तियों व अन्य सामान को विदेशी सैलानी व व्यापारी ले जाते थे। एक बार खुदाई में यहां ढाई फीट ऊंची सोने की मूर्ति मिली। इसे लेकर खुदाई करने वालों में विवाद हुआ और मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके बाद सरकार ने यहां खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया।
शोध कार्य कराए
रामपुरा की रीड में पत्थर की खुदाई मूर्तिया, मिट्टी के बर्तन, सिक्के आदि निकलते हैं। पुरातत्व विभाग इस स्थान को अपने कब्जे में लेकर शोध कार्य कराए। इससे आम लोगों को जानकारी मिल सके की सभ्यता कितनी पुरानी है। -मनीष कुमार शर्मा, ग्रामीण, रामपुरा रामपुरा में प्राचीन अवशेष मिलने की जानकारी है। हमारे विभाग की टीम जल्द ही वहां का दौरा करेगी। पूरा जायजा लेगी। इसके बाद आगे की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
डॉ विनीत, खोज एवं उत्खनन अधिकारी, जयपुर रामपुरा की रीड में पौराणिक सभ्यता दबी हुई है। इसमे राज्य सरकार व पुरातत्व विभाग खुदाई करवा कर इसमे शोध करवाए। जिसमे आमजन का इस सभ्यता के सबन्ध में जानकारी मिल सके।
– नरेंद्र सिंह निर्वाण, ढाणी जोरावर सिंह की रामपुरा की रीड में पौराणिक सभ्यता के अवशेष है। इसमें निकलने वाली दीवारों की चौड़ाई लगभग चार-पांच फीट है। इस संपूर्ण क्षेत्र में पहले जाळ के पेड़ लगे हुए थे ।परंतु आजकल पूरे क्षेत्र में विलायती कीकर उग आई है। सरकार विलायती कीकरों की सफाई करवा कर, इस क्षेत्र में खुदाई करवाए।
–राम किशन सिंह, ग्रामीण ढाणामथुरादास रामपुरा रीड में कोई पौराणिक सभ्यता दबी हुई है। इसमे कलात्मक मूर्तियां व अन्य सामान व मकान हैं। इसे चिन्हित कर पुरातत्व विभाग खुदाई करवाए तथा इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित करे।
–दुलीचंद शर्मा, ग्रामीण, रामपुरा रामपुरा की रीड में वर्षा के पश्चात जमीन पर छोटे-छोटे तांबे व चांदी के सिक्के मिलते हैं। जिनकी साइज पुराने तांबे के एक पैसे जितनी बड़ी है। परन्तु उन पर लिखी लिपि किसी के समझ में नही आती है। इसके अलावा पत्थरों पर खुदाई से कलाकृतिया बनाई हुई मिलती है।
–सुरेन्द्र सिंह भगत, ग्रामीण, ढाणामथुरादास