काजरी के मॉडल को अपने खुद के खेत में लागू करके देखेंगे। चौहान गुरुवार को जोधपुर पहुंचे थे। बीती रात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद शुक्रवार को उनके जोधपुर में समस्त कार्यक्रम रद्द हो गए थे इसलिए वे दोपहर 12 बजे अनौपचारिक भ्रमण के लिए काजरी पहुंच गए, जहां उन्होंने घंटे भर तक काजरी के खेतों और पॉलीहाउस का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान काजरी निदेशक डॉ.ओपी यादव और अन्य वैज्ञानिकों से चर्चा भी की।
कोई चावल उगाता है तो कोई आलू, यहां तो सब कुछ
देशभर में आइसीएआर के काजरी सहित 113 इंस्टीट्यूट हैं लेकिन अधिकांश इंस्टीट्यूट किसी एक विषय पर शोध करते हैं। जैसे कोई चावल पर, कोई आलू, कोई दालों पर लेकिन काजरी में इंटीग्रेटेड मॉडल ने उन्हें प्रभावित किया। यहां मूंग-मोठ जैसी अनाज की फसलें, चुकंदर, सहजन फली, ग्वारफली, बैंगन, पत्ता गोभी जैसी सब्जी फसलें, बेर, खजूर, आंवला जैसी उद्यानिकी फसलों के साथ गाय, भेड़, बकरी के इंटीग्रेटेड फार्मिंग को लेकर उत्साहित नजर आए।
युवा पढ़-लिख गए हैं तो संरक्षित खेती कर लें
काजरी में पॉलीहाउस बनाया गया है, जहां पांच से दस लाख रुपए में संरक्षित खेती के जरिए सालभर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। कृषि मंत्री ने पॉलीहाउस का पूरा भ्रमण किया और उन्नत सब्जियों की खेती को नजदीक से देखा। सब्जी वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार से पूरी तकनीक भी समझी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में पढ़े लिखे युवाओं को संरक्षित खेती अपनाने की सलाह दी। इससे युवाओं की आमदनी भी अच्छी हो जाएगी और वे बेहतर जीवन यापन भी कर पाएंगे। किसानों की आय दोगुनी करने की केंद्र सरकार की मंशा को भी उन्होंने दोहराया।