जानकारी के अनुसार 27 साल की युवती ने दोपहर में अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन को पता लगा तो वे उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी थी। बाद में शव एमजीएच मोर्चरी में रखवाया गया।
मकान में युवती का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने पड़ोसी युवकों व उनकी मां के आए दिन के झगड़े, जातिवाद, छुआछूत व गलत नजर से देखने और 30 अप्रेल को मारपीट व लज्जा भंग करने से परेशान होकर आत्महत्या करने उल्लेख किया। इस संबंध में मामला भी दर्ज करवाया गया था लेकिन परिजनों का आरोप है पुलिस ने सहयोग नहीं किया।
देर रात तक आक्रोश
परिजन व समाज के लोग थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरतने से युवती के आत्महत्या करने का आरोप लगाने लगे। सहायक पुलिस आयुक्त, थानाधिकारी भंवरसिंह जाखड़ और अन्य पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन वे नहीं मानें। देर शाम कुछ युवकों ने रास्ता रोकने का प्रयास किया। उन्होंने बैरिकेड्स को रोड पर रखने की कोशिश की तो पुलिस ने रोक दिया। इससे तनातनी भी हुई। रात को प्रतिनिधि मण्डल वार्ता व एफआइआर दर्ज कराने के लिए थाने गया। राज, विक्की व उनकी मां के खिलाफ आत्महत्या को दुष्प्रेरित करने व एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में रात को एफआइआर दर्ज की गई। तब सभी थाने के बाहर से निकल गए। सभी देर रात भदवासिया स्कूल के पास पहुंचे, जहां रास्ता रोककर विरोध जताया।