आइजी (रेंज) जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि पिंडवाड़ा थाने में गत वर्ष मई में मादक पदार्थ की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। जांच में तस्करी के तार चित्तौड़गढ़ जिले में कनेरा थानान्तर्गतगुंदारेल गांव निवासी रोड़ीलाल बंजारा पुत्र गंगाराम पटेल से जुड़े थे। उसी ने ड्रग्स की खेप भेजी थी। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। दो महीने से विश्लेषण से सामने आया कि रोड़ीलाल बंजारा समाज का सिरमौर पटेल बना हुआ था। उसके चारों तरफ सुरक्षा का घेरा था।
साइक्लोनर टीम ने चित्तौड़गढ़ में पांच दिन कैम्प किया। इस दौरान रोड़ीलाल को समाज की एक पंचायत करने के लिए एमपी के एक गांव बुलाया गया था। पुलिस ने पकड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन भीड़ व सुरक्षा घेरा अधिक होने से पकड़ा नहीं जा सका।
पंचायत करने के बदले उसे बतौर उपहार सोने के दो गोखरू दिए गए थे। पुलिस ने मुखबिर के मार्फत सोने के गोखरू बेचने और उससे मिलने वाले रुपए से मौज मस्ती करने के लिए आरोपी को नीमच बुलाया था, जहां सुनार के फार्म हाउस पर मौज-मस्ती की व्यवस्था का भरोसा दिलाया गया।
आरोपी रोड़ीलालपकड़े जाने के डर से मोटरसाइकिल लेकर फार्म हाउस पहुंचा, जहां सुनार के आदमियों के भेष में मौजूद एसआइ कन्हैयालाल, प्रतिम चौहान, नेमाराम, देवाराम बिश्नोई, हेड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार, कांस्टेबल झूमरराम व रोहिताश ने घेराबंदी कर रोड़ीलाल बंजारा को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने मेवाड़ से मारवाड़ तक अफीम तस्करी की कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
कमीशन के बदले तस्करी, पत्नी के नाम अफीम पट्टा
गांव से रामदेवरा यात्रा पर आने के दौरान उसका मारवाड़ के तस्करों से सम्पर्क हुआ था। उसने खुद व रिश्तेदारों के पास अफीम के पट्टे होने की जानकारी दी तो तस्करों से घनिष्ठता हो गई थी। शुरुआत में उसने थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अफीम तस्करी शुरू की थी। वह अफीम के पट्टेधारियों से चोरी-छिपे अफीम एकत्रित करता था। बड़ी मात्रा में जमा होने पर मारवाड़ के तस्करों को बेच देता था। बदले में उसे कमीशन मिलता था। इस तरह उसने मेवाड़ से मारवाड़ तक तस्करी का नेटवर्क खड़ा किया था। जान पहचान बढ़ने पर उसने पत्नी के नाम भी अफीम की खेती का पट्टा ले लिया था।
रक्त से रखा रक्तिम रज्जू नाम
आरोपी रोडीलाल ने मेवाड़ से मारवाड़ तक खूनी जाल बिछाया था। इसमें रस्सा महत्वपूर्ण था। उसके नाम में भी लाल है। इसलिए ऑपरेशन का नाम रक्तिम व डोरी से रज्जू रखा गया था।