सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मनोज सिंगरौल ने बताया कि पुलिस थाना आमाबेड़ा द्वारा घटना की जानकारी बीपीएम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंतागढ़ को दिया गया था। मृतक के परिजन एवं ग्रामीणों ने बताया मरच्युरी के बगल में किसी तरह रात गुजारने के बावजूद शनिवार को दो पहर दो बजे तक पोस्टमार्टम कराने
एमबीबीएस डॉक्टर के आने का इंतजार करते भटकते रहे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर्मचारी का अभाव
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन पुर्वर्ती सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा दिया गया था। तीन एमबीबीएस डाक्टरों की पदस्थापना के साथ वैकल्पिक सेटअप भी बिठाया गया था परंतु पिछले दो वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमाबेड़ा कर्मचारियों के अभाव से जुझ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक भी एमबीबीएस डाक्टरों की पदस्थापना नहीं है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मनोज सिंगरौल ने बताया की दो साल की बांड नियुक्ति पर एक एमबीबीएस डाक्टर लिलेश्वरी बघेल की ज्वाईनिंग हुई है। परंतु अभी वह भी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। एक स्टाप नर्स शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामनगर में, एक आरएचओ फिमेल कांकेर न्यायालय में अटैच किया गया है। जिसके चलते कोई दुर्घटना घटित होने पर सुविधाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को भटकना पड़ता है।
दो साल से नहीं एक भी एमबीबीसीएस डॉक्टर
गणेश कुंजाम पूर्व सरपंच टिमनार ने बताया कि सन 2022-23 में आमाबेडा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बना जरुर है लेकिन दो सालों से अस्पताल में एक भी एमबीबीएस डाक्टर नहीं हैं। कर्मचारियों को अटैच कर दूसरी जगह भेज दिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन भी अब तक नहीं बन पाया है। पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही तिरपाल ढंक कर संचालित किया जा रहा है। पिछले दो सालों से लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार क्षेत्र के विधायक, सांसद एवं शासन प्रशासन को लिखित आवेदन किया जाता रहा है, परंतु अब तक क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया। अब तक क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सुविधा के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं।