भवन की मरम्मत के लिए शासन से 1 लाख 83 हजार रुपए राशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी दुर्गूकोंदल द्वारा भेजे गए ठेकेदार ने लीपापोती कर राशि आहरण कर लिया। मरम्मत के एक साल बाद ही स्कूल की क्षत सीपेज होकर खुद जवाब दे रही है।
शाला प्रबंधन समिति प्राथमिक चाहचाड़ अध्यक्ष कमल सलाम ने बताया कि मरम्मत एजेंसी शाला प्रबंधन समिति थी, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने दबावपूर्वक ठेकेदार से मरम्मत कार्य कराया है। वहीं
स्कूल में 50 हजार रूपए का भी मरम्मत कार्य नहीं किया गया। छत की सरिया अंदर से दिख रही है, उपर से सिर्फ लीपापोती कर कागजी कार्रवाई कर राशि आहरण कर लिया है।
मरम्मत ठीक नहीं होने का विरोध भी किया था लेकिन ठेकेदार ने हमारी बात नहीं सुनी। हमें उपयोगिता प्रमाणपत्र में हस्ताक्षर करने दबाव डाला गया। अब मरम्मत के बाद भी भवन में सीपेज आ रहा है। शासन से हमारी मांग है कि ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए अन्यथा आंदोलन करने बाध्य होंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने कहा कि भवन मरम्मत की गड़बड़ी की समिति बनाकर जांच करवाई जा रही है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी एसपी कोसरे बताया कि मरम्मत के नाम गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई है। यदि ठीक से मरम्मत नहीं किया गया है तो पुन: मरम्मत कराया जाएगा।
ठेकेदार के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई: दुग्गा
गोड़ समाज ब्लाक प्रमुख रमेश दुग्गा ने कहा कि प्राथमिक शाला चाहचाड के भवन की मरम्मत सही से नहीं किया गया है। ठेकेदार ने पहुंच का फायदा उठाकर राशि आहरण कर चला गया है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग है कि ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कड़ी कार्रवाई की जाए।