यूपी के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कूड़ा गाड़ी में बैठकर डोर टू डोर व्यवस्था देखी। इस दौरान के मॉस्क लगाकर अपनी पहचान छुपा रखी थी। बाद में उन्होंने सफाई कर्मचारियों और लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा। इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी डाला है।
उन्होंने अपने X पोस्ट पर लिखा है कि जापान में एक मेनेजमेंट प्रक्रिया विकसित की गई जिसे वे बोलते हैं- गेंबा वॉक. मतलब, ऐसे लोग जो मैनेजमेंट में है फैक्ट्री फ्लोर पर जाकर कामगारों के साथ खड़े होते हैं, बातचीत करते हैं और, सुधार के रास्ते खोलते हैं। पुलिस जीवन में कई बार ऐसा मैंने करके देखा और कई दिनों के प्रशिक्षण की तुलना में दो घंटे में समस्याओं और उनके उपाय का बोध हो गया।
मैंने सोचा कि कन्नौज में अपने जो साथी डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम करते हैं उनके काम को गहराई से समझा जाए उनके साथ ‘गेंबा वॉक’ की जाए। गौतम जी और विकास जी के साथ कुछ पहचान छुपाते हुए सुबह की शिफ्ट में कन्नौज के मोहल्लों में घूमना और अध्ययन करना अच्छा लगा। चार पन्ने भर गए नोट्स लेते-लेते। कुछ सबक जो मुझे मिले आपसे भी शेयर कर रहा हूं। निश्चित रूप से आपका भी इस संबंध में अपना अनुभव होगा और कुछ विचार भी। अपने सुझाव जरूर भेजें।
वाराणसी में गाड़ी पर अनधिकृत लाइट लगी होने पर चालान का अनुरोध
वाराणसी में उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने नियम का पालन न करने पर सख्त रुख अपनाया है। मंत्री ने अपने उपयोग के लिए भेजे गए वाहन में अनधिकृत लाइट लगी होने पर पुलिस आयुक्त वाराणसी को चालान की संस्तुति करते हुए पत्र लिखा है। मंत्री ने खुद उस वाहन का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया और लखनऊ से पत्र भेजकर कहा कि नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।