जिन्हें हर महीने प्रति यूनिट के हिसाब से 5 किलो गेहूं मुत में मिलता हैं। इन्हीं में से तीन हजार राशन कार्ड धारक ऐसे हैं जो लंबे समय से गेहूं नहीं उठाने के कारण निष्क्रिय हो गए हैं। यानि राशन कार्ड बनवाने के बाद पिछले एक-दो साल से राशन का गेहूं लेने के लिए राशन डीलर के पास नहीं पहुंचे। इसी को देखते हुए करौली व गंगापुरसिटी रसद विभाग ने इसकी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। यहां से इन राशन कार्ड धारकों को योजना से बाहर कर दिया गया है। अब जनवरी माह से इन राशन कार्ड धारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेहूं के साथ अन्य सामग्री से वंचित रहना पड़ेगा। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से अकेले करौली जिले में 2600 तो गंगापुरसिटी जिले में 400 राशन कार्ड निष्क्रिय पाए गए हैं।
करौली व गंगापुर सिटी जिले के निष्क्रिय राशन कार्ड धारकों का डाटा सरकार को भेज दिया है। वहीं से इन राशन कार्डों को निरस्त किया जाएगा। जनवरी के महीने से इन राशन कार्ड धारकों को खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ से वंचित होना पड़ेगा। करौली व गंगापुर सिटी जिले को मिलाकर 3 हजार राशन कार्ड धारकों को अगले महीने से गेहूं नहीं मिलेगा। इनके कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं।
देशराज रवि, जिला रसद अधिकारी करौली गेहूं का नहीं कर रहे उठाव
राशन कार्ड बनवाने व खाद्य सुरक्षा योजना में जुडऩे के बाद आखिर यह परिवार गेहूं का उठाव क्यों नहीं कर रहे हैं। विभाग को अंदेशा है कि नौकरी की तलाश में दूसरे जिलों या प्रदेशों में चले गए होंगे या दूसरी जगह राशन कार्ड बनवा लिए होंगे। कुछ जानकार लोग यह भी बता रहे हैं कि किसी दूसरे उद्देश्य से भी लोग राशन कार्ड बनवा लेते हैं। उद्देश्य की पूर्ति होने के बाद वे राशन कार्ड का अन्य लाभ नहीं लेते हैं। कुछ सक्षम परिवार भी हैं जो राशन कार्ड तो बनवा लिए लेकिन योजना का लाभ नहीं लेते वे तो केवल अपने डॉक्यूमेंट के रूप में प्रयोग ले रहे हैं। इसके अलावा कई परिवारों में युवक सरकारी नौकरी लग जाते हैं इस कारण भी योजना का लाभ नहीं लेते हैं। पोर्टल के बंद होने से सदस्यों के नाम नहीं जुड़ रहे खाद्य सुरक्षा योजना के पोर्टल के नहीं चलने से नवीन राशनकार्ड बनाने की प्रकिया अगस्त महीने से बंद पड़ी हुई है। नए सदस्यों के नाम नहीं जुड़ रहे हैं। पिछले पांच साल में केवल दो महीने ही पोर्टल चल पाया। इस कारण लोग राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।