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यह है नियम
पंचायती राज अधिनियम 28 के तहत प्रथम सम्मेलन के ढाई साल बाद ही अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक तिहाई सदस्यों के हस्ताक्षर और उपस्थिति अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि जनपद सदस्यों का चुनाव 06 अगस्त 2022 को हुआ था। कुल 15 में से 9 सदस्यों ने अर्पित अवस्थी के पक्ष में मतदान किया था। अब कुल 15 में से 13 जनपद सदस्यों के अध्यक्ष के खिलाफ होने पर जिला प्रशासन विशेष सम्मेलन बुला सकता है।
जनपद अध्यक्ष बोले-सदस्यों को बरगलाया गया
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रीठी जनपद अध्यक्ष अर्पित अवस्थी का कहना है कि जनपद सदस्यों को बरगलाया गया है। दरअसल इसका कारण प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी है। सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्रों पर कार्रवाई नहीं की जाती और न ही पत्रों को महत्व दिया जाता है। बैठकों को लेकर उन्होंने कहा कि जनपद उपाध्यक्ष व सदस्यों द्वारा ही बैठकें निरस्त की गई है। इसका कारण पूर्व में जो सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए थे उसरपर कार्रवाई नहीं होना था। 15वें और 5वें वित्त में मिली राशि सभी सदस्यों को आवंटित की गई है।
रीठी जनपद के सदस्यों द्वारा कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव को सौंपा गया है। अविश्वास प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। इस संबंध में संबंधित जनपद सीइओ से जानकारी मंगाई गई है। नियमानुसार पदाविहीत अधिकारी की अनुमति से पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने सहित विशेष सम्मेलन बुलाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
शिशिर गेमावत, सीइओ, जिला पंचायत, कटनी