यह हो रही पहल
इस योजना के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्राथमिक शालाओं में नामांकित किया जाएगा, जहां स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ही उन्हें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। वर्तमान में 6 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद बच्चे आंगनवाड़ी से प्राथमिक शाला में प्रवेश लेते हैं, लेकिन अब यह इस नवाचार में पहले से ही सुचारू रूप से प्रवेश लेेंगे, जिसके बाद बकायदा कक्षा संचालित की जा सकेगी। इस नवाचार के सफल क्रियान्वयन के बाद आगे की कार्ययोजना को विस्तृत रूप में अपनाया जाएगा और अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जा सकेगी। यह प्रयास न केवल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि संसाधनों के समुचित उपयोग की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा।इन स्कूलों को किया गया है शामिल
जानकारी के अनुसार प्रारंभिक तौर पर 46 स्कूलों को शामिल किया गया है। इसमें बड़वारा ब्लॉक का भजिया, बरनमहगवां, कुछिया महगवां, बसाड़ी, बहोरीबंद ब्लॉक का स्लीमनाबाद, तेवरी, बाकल, धूरी, देवरी, कुआं, इमलिया, पड़वार शामिल है। ढीमरखेड़ा ब्लॉक का झिर्री, खाम्हा, कछारगांव, कटनी ब्लॉक का कैलवारा कला, पहाड़ी, खिरहनी, सीएलपी, देवरीहटाई, नवीन घंघरीकला, झिंझरी, कन्हवारा शामिल है। इसी प्रकार रीठी ब्लॉक का गुरजीकलां, देवगांव, पिपरिया परौहा, बरखेड़ा, सिमरा नंबर-1, खरखरी नंबर-2, बांधा, सिमराड़ी, रूड़मूड़, बिलहरी, खम्हरिया नंबर-2, तिगवां शामिल है। इसी प्रकार विजयराघवगढ़ ब्लॉक का चरी, खलवारा बाजार, उबरा, भैंसवाही, बरेहटा, विजयराघवगढ़, गैरतलाई, सुहेरा, इटवन, डीघी, खिरवा नंबर-1 शामिल है।
- 1713 हैं जिले में आंगनवाड़ी केंद्र
- 01 लाख से अधिक हैं आंगनवाड़ी में बच्चे
- 46 रखे जाएंगे इन बच्चों के लिए शिक्षक
- 04 पीएमश्री विद्यालय किए गए हैं शामिल
- 42 है पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के लिए चयनित स्कूल
इस नवाचार के कई होंगे फायदे
गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा: बच्चों को स्कूल के प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बेहतर शिक्षण सामग्री और माहौल मिलेगा।संसाधनों का समुचित उपयोग: किराए के भवनों पर निर्भरता घटेगी और सरकारी प्राथमिक शालाओं की अवसंरचना का पूर्ण उपयोग हो सकेगा।