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नवाचार: 46 स्कूलों में लगेंगी प्री-प्राइमरी की कक्षाएं, आंगनवाड़ी के बच्चों को खेल-खेल में मिलेगी शिक्षा

शिक्षा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के समन्वय से लागू हो रही योजना, 5 से 6 वर्ष के बच्चों को मिलेगा लाभ

कटनीMay 19, 2025 / 08:02 pm

balmeek pandey

Pre-primary classes will be held in schools

Pre-primary classes will be held in schools

बालमीक पांडेय @ कटनी. नन्हें बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में जिले में एक अभिनव पहल की जा रही है, अब आंगनवाड़ी भवन न होने पर भी बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी, बल्कि वे पास की प्राथमिक शालाओं में प्री-स्कूल शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे, शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास विभाग के इस संयुक्त नवाचार से 5 से 6 वर्ष के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा मिलेगी, यह न सिर्फ खेल-खेल में बच्चों की आधारशिला मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें स्कूल के माहौल से भी प्रारंभिक रूप से जोड़ देगा, सुविधाजनक, सुरक्षित और शिक्षाप्रद वातावरण में बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा…।
जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों की अधोसंरचना की कमी को देखते हुए शिक्षा एवं महिला बाल विकास विभाग ने मिलकर एक महत्वपूर्ण नवाचार की शुरुआत करने जा रहा है। यह निर्णय लिया गया है कि जिन क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन उपलब्ध नहीं हैं और संचालन किराए के भवनों में हो रहा है, वहां के बच्चों को पास ही की स्थानीय प्राथमिक शालाओं में प्री-स्कूल शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत जिले के 46 स्कूलों का चयन किया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि यह मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक सुदृढ़ता और बाल विकास को नई दिशा देगा।

यह हो रही पहल

इस योजना के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्राथमिक शालाओं में नामांकित किया जाएगा, जहां स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ही उन्हें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। वर्तमान में 6 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद बच्चे आंगनवाड़ी से प्राथमिक शाला में प्रवेश लेते हैं, लेकिन अब यह इस नवाचार में पहले से ही सुचारू रूप से प्रवेश लेेंगे, जिसके बाद बकायदा कक्षा संचालित की जा सकेगी। इस नवाचार के सफल क्रियान्वयन के बाद आगे की कार्ययोजना को विस्तृत रूप में अपनाया जाएगा और अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जा सकेगी। यह प्रयास न केवल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि संसाधनों के समुचित उपयोग की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा।
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इन स्कूलों को किया गया है शामिल

जानकारी के अनुसार प्रारंभिक तौर पर 46 स्कूलों को शामिल किया गया है। इसमें बड़वारा ब्लॉक का भजिया, बरनमहगवां, कुछिया महगवां, बसाड़ी, बहोरीबंद ब्लॉक का स्लीमनाबाद, तेवरी, बाकल, धूरी, देवरी, कुआं, इमलिया, पड़वार शामिल है। ढीमरखेड़ा ब्लॉक का झिर्री, खाम्हा, कछारगांव, कटनी ब्लॉक का कैलवारा कला, पहाड़ी, खिरहनी, सीएलपी, देवरीहटाई, नवीन घंघरीकला, झिंझरी, कन्हवारा शामिल है। इसी प्रकार रीठी ब्लॉक का गुरजीकलां, देवगांव, पिपरिया परौहा, बरखेड़ा, सिमरा नंबर-1, खरखरी नंबर-2, बांधा, सिमराड़ी, रूड़मूड़, बिलहरी, खम्हरिया नंबर-2, तिगवां शामिल है। इसी प्रकार विजयराघवगढ़ ब्लॉक का चरी, खलवारा बाजार, उबरा, भैंसवाही, बरेहटा, विजयराघवगढ़, गैरतलाई, सुहेरा, इटवन, डीघी, खिरवा नंबर-1 शामिल है।
aganwadi
खास-खास

  • 1713 हैं जिले में आंगनवाड़ी केंद्र
  • 01 लाख से अधिक हैं आंगनवाड़ी में बच्चे
  • 46 रखे जाएंगे इन बच्चों के लिए शिक्षक
  • 04 पीएमश्री विद्यालय किए गए हैं शामिल
  • 42 है पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के लिए चयनित स्कूल

इस नवाचार के कई होंगे फायदे

गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा: बच्चों को स्कूल के प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बेहतर शिक्षण सामग्री और माहौल मिलेगा।
संसाधनों का समुचित उपयोग: किराए के भवनों पर निर्भरता घटेगी और सरकारी प्राथमिक शालाओं की अवसंरचना का पूर्ण उपयोग हो सकेगा।
स्कूल से भावनात्मक जुड़ाव: बच्चे शुरुआत से ही स्कूल के माहौल में ढलेंगे, जिससे आगे की पढ़ाई में सहजता और उत्साह बना रहेगा।

एकीकृत विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलने से बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।
माता-पिता में विश्वास: बेहतर और सुरक्षित व्यवस्था से अभिभावकों में सरकारी शिक्षा प्रणाली के प्रति भरोसा बढ़ेगा।

लंबी अवधि में ड्रॉपआउट दर में कमी: प्रारंभिक शिक्षा मजबूत होने से आगे चलकर बच्चों के स्कूल छोडऩे की संभावना घटेगी।

अधिकारियों ने कहा यह बात

नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि जिले के 46 स्कूलों में यह नवाचार किया जा रहा है। यहां पर आंगनवाड़ी के 5 से 6 वर्ष के बच्चे शिफ्ट किए जाएंगे। यहां पर बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर पाएंगे। यह प्रयोग सफल होने पर अन्य केंद्रों में लागू किया जाएगा। इससे बच्चों को बड़ा फायदा मिलेगा। पीपी सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शासन के निर्देश पर इस योजना के तहत 46 स्कूलों का चयन किया गया है। शिक्षा विभाग व महिला बाल विकास द्वारा पहल की जा रही है। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

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