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चुनाव के दौरान अन्य प्रांत की शराब को चिल्फी बॉर्डर पर जब्त किया। मध्यप्रदेश की यह एक ट्रक शराब चुनाव के दौरान खपाने के लिए ले जाया जा रहा था, जिसे आबकारी विभाग की टीम ने जब्त किया। इसी कड़ी में 4 फरवरी को मुखबिर से मौखिक सूचना मिली कि बड़ी मात्रा में शराब तस्करी हो रही है। इस पर जिला आबकारी अधिकारी अजय सिंह धुर्वे द्वारा जांच कार्रवाई निर्देश दिए गए। आबकारी वृत्त बोड़ला की आबकारी जांच चौकी चिल्फ ी के समीप आरोपी राजेश जामरे पिता मोमलाल जामरे निवासी इन्दौर मप्र के वाहन स्वराज माजदा ट्रक वाहन क्रमांक एमपी 09जीएच 5531 की जांच किया गया। वाहन में बड़ी मात्रा शराब भरा था।
आबकारी टीम ने जांच शुरु किया। कुल 4437 बल्क लीटर मदिरा बरामद की गई। इसमें 393 पेटी कुल 19650 पाव देशी मदिरा प्लेन नॉन ड्यूटी पैड बाजार मूल्य 13 लाख 75 हजार 500 रुपए और 100 पेटी कुल 5000 पाव गोवा स्पेशल व्हिस्की नॉन ड्यूटी पेड बाजार मूल्य 6 लाख 75 हजार रुपए इस तरह से कुल 24650 पाव शराब जिसका कुल बाजार मूल्य 20 लाख 50 हजार 500 रुपए बताया गया। शराब समेत परिवहन में प्रयुक्त वाहन को भी जब्त किया गया।
आबकारी टीम की पूछताछ में आरोपी ड्राइवर ने बताया कि ट्रक को मध्यप्रदेश देवास बीच रास्ते से लाया। उसे केवल ट्रक को छत्तीसगढ़ के बॉर्डर चिल्फी के आसपास ही छोड़ना था। इसके बाद इसे कोई और ले जाता। वह कहां ले जाता इसकी जानकारी ड्राइवर को नहीं थी। हालांकि आरोपी की बात पूरी तरह से सही है कि नहीं आबकारी टीम जांच में जुटी है। मुय बात यही है कि आखिर यह शराब कहां पर खपत करने की तैयारी थी। जब्त शराब मध्यप्रदेश से निर्मित है जिसे मुयत: वहीं खपत किया जाना था, लेकिन इसे छत्तीसगढ़ में तस्करी किया गया। मतलब साफ है कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के बीच इसे खपाया जाता।
किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब का वितरण किया जाता। इससे पहले ही पकड़े गए। वैसे मध्यप्रदेश से निर्मित शराब जिले के बॉर्डर क्षेत्रों में अवैध रुप से बिकती रहती है। आबकारी विभाग और पुलिस टीम इसमें कार्रवाई भी करते हैं। बीते कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश से शराब की अवैध तस्करी में बढ़ोतरी हुई है। चिल्फी बॉर्डर के अलावा पोलमी, रेंगाखार और लोहारा की ओर भी भी तस्करी होती है। मुय रुप से गांवों में इसकी सप्लाई अधिक होती है।
कार्रवाई आरोपी को रिमांड पर भेजा
आरोपी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम वर्ष 1915 यथा संशोधित की धारा 34(1)क, 34(2), 36, 59(क) के तहत प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया। वहीं अरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। वृत्त प्रभारी बोड़ला अभिनव कुमार रायजादा के नेतृत्व में आबकारी जांच चौकी में तैनात सुरक्षाकर्मियों का योगदान रहा।