जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कुछ प्रकरणों में दबाव बनाकर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगो की भूमियों का बलपूर्वक अंतरण किया गया है जो अनुचित एवं अवैधानिक है। जांच प्रतिवेदन से यह भी स्पष्ट पाया गया है कि कुछ प्रकरणों में बिना पर्याप्त मुआवजे के अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की भूमियों का भी अंतरण किया गया है जो मप्र भू-राजस्व सहिता की धाराओं का स्पष्ट उल्लंघन है। जांच में यह भी पाया गया कि अनुसचित जनजाति के लोगों के साथ इनकी निरक्षरता का अनुचित लाभ उठाते हुए घोखाधड़ी की गई है व बिना जानकारी के उनके बैंक खातों में राशि निकाल ली गई है।
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि कुछ प्रकरणों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगो की जमीन कंपनी को अंतरित कर कंपनी द्वारा कब्जा प्राप्त किया गया व सोलर प्लांट लगाया गया, जो कि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि बिना खसरे के नामांतरण के, केवल कब्जे के आधार पर कंपनी द्वारा औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि का डायवर्जन करवाया गया जो मप्र भू राजस्व सहिता के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
मसाया सोलर एनर्जी कंपनी द्वारा चरनोई, नाला, सडक़ तथा छोटे झाड़ के जंगल मदों की लगभग 27.64 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर बिना किसी लीज या अधिग्रहण के जबरन कब्जा कर रखा है, जो कि सर्वथा अनुचित है। कलेक्टर ने बताया कि इस संबंध में “तत्कालीन राजस्व अधिकारियों की भी उच्च स्तरीय जाच की जाएगी, जिनकी देखरेख में सरकारी भूमियों पर अवैध कब्जे किए गए।”
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ऋषव गुप्ता ने जांच के निष्कर्ष बिंदुओं के आधार पर आदेश दिए हैं कि शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कर कब्जा करने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच की जाए। कंपनी द्वारा जब तक अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि के संबंध में लीज अथवा आवंटन की कार्यवाही नहीं की जाती तथा अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की भूमि के संबंध में मप्र भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत विधिवत अंतरण की अनुमति प्राप्त नहीं की जाती, तब तक के लिए तत्काल प्रभाव से सोलर प्लांट के संचालन पर रोक लगाई जाए।