जीवन नहीं दे सकते तो इच्छा मृत्यु दे दीजिए
शहर में पानी की समस्या को लेकर स्टेट हाइवे पर चक्का जाम करने वालों पर एफआईआर के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया है। सांसद, विधायक और महापौर महिलाओं के खिलाफ दर्ज हुआ केस वापस लिया जाएगा की समझाइश देने पहुंचे थे। इस बीच दूसरी तरफ पानी नहीं मिलने से परेशान तीन महिलाओं ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित चिट्टी भेजकर इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। महिलाओं ने कहा है कि संविधान में पानी जीवन का अधिकार है। जीवन नहीं दे सकते हो तो संविधान के अनुसार इच्छा मृत्यु दे दीजिए।
पानी मांगने केस, छह साल से लूटने वालों को अभयदान
टैगोर कॉलोनी निवासी अनीता धोतरे ने राष्ट्रपति भारत सरकार को भेजे गए पत्र में कहा है कि कई सालों से पेय जल का निजीकरण विश्वा कंपनी को कर दिया गया है। 200 बार पाइप लाइन फूट चुकी है। बूंद-बूंद पानी को तरह रहे हैं। अनीता का आरोप है कि टीआई का एक वक्तव्य पढ़ा कि चक्का जमा करने वालों पर केस दर्ज कराकर साक्ष्य जुटा रहे हैं। इच्छा मृत्यु मांगने वाली महिला अनीता का आरोप है कि पानी मांगने वालों पर तो नगर निगम और जिला प्रशासन ने चार घंटे में केस दर्ज करा दिया और जो लूट रहे हैं उन पर छह साल से एफआईआर नहीं दर्ज करा सके।
संविधान में पानी जीवन है, इस लिए मांगी इच्छा मृत्यु
अनीता का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहीं हैं कि संविधान में पानी जीवन का अधिकार है। जीवन नहीं दे सकते हो तो संविधान के अंतर्गत इच्छा मृत्यु दे दो। अनीता का कहना है कि वह अकेले नहीं है उसके साथ दो और महिलाओं ने इच्छा मृत्यु मांगा है। उनका कहना है कि सम्मान के साथ मरेंगे।
महिलाओं के स्वांग के पीछे राठौर, नेता प्रतिपक्ष का इंकार
महिलाओं का वीडियो भी बनाया गया। और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गय। वीडियो में इच्छा मृत्यु मांगने वाली महिला कह रही हैं कि मुल्लू राठौर से मेरा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। ये मुझे बहन मानते हैं। बाजार में चर्चा है कि इस स्वांग के पीछे नगर निगम नेता प्रतिपक्ष दीपक मुल्लू राठौर का हाथ है। हालांकि मुल्लू राठौर इससे इंकार किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वे गए जरूर गए थे। लेकिन वीडियो और चिट मेरा कोई रोल नहीं है।