सूचना मिलते ही
अग्निशमन दल मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का कार्य शुरू किया। गनीमत रही कि दमकल कर्मियों की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया। लेकिन महिलाओं के झाड़ियों में आग लगाने से यह मामला बेहद ही गंभीर हो गया है। गर्मी के मौसम में वैसे भी आग लगने की समस्या आए दिन देखने को मिलती रहती है।
दरअसल, यह दूसरी बार है जब कुछ ही महीनों के भीतर अस्पताल परिसर में आगजनी की घटना हुई है। 21 दिसंबर 2024 को भी इसी स्थान पर आग लगी थी और अब 18 मार्च 2025 की सुबह एक बार फिर आग ने विकराल रूप ले लिया। इस घटना से अस्पताल प्रबंधन चिंतित है।
CG News: वहीं प्रत्यक्षदर्शी पप्पू बंजारे के अनुसार, सुबह लगभग 6 बजे महुआ बीनने वाली महिलाओं का एक समूह अस्पताल परिसर के पास पहुंचा और जंगल की झाड़ियों में आग लगा दी। कुछ ही घंटों में आग ने अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र को चपेट में ले लिया। स्थिति को गंभीर होता देख पप्पू बंजारे ने जिला अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद
छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, जिससे बड़ा हादसा होते टल गया।