CG News: वर्तमान में ठेका कंपनी कर रही काम
ग्रामीणों का कहना है कि बसाहट और रोजगार की मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। जब तक मांग पूरी नहीं होती है, आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन वापस लेने से इनकार दिया है।
एसईसील की ओर से हाल ही अंबिका कोयला खदान के लिए काम शुरू किया गया है। वर्तमान में ठेका कंपनी काम कर रही है।
ग्रामीण कंपनी के काम का विरोध नहीं कर रहें हैं बल्कि अपने लिए खदान में रोजगार की मांग कर रहे है। जिनकी जमीन खदान में समाहित हुए है, उनके लिए बसाहट मांग रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रामीणा अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे और अपनी मांगों को लेकर कंपनी के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे जिससे नुकसान हो। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।
कंपनी इस पर ध्यान नहीं दे रही
ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए पाली तहसीलदार पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने उनकी नहीं सुनी। तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया है। मांगों को लेकर ग्रामीणों का कंपनी के साथ गतिरोध बना हुआ है। ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि अंबिका परियोजना में छोटे खातेदारों को रोजगार और मेगाप्रोजेक्ट के समान बसाहट की मांग पांच साल पहले से किया जा रहा है। कंपनी इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उनकी मांगों को उपेक्षित कर रही है।
सभी क्षेत्रों में लागू कराने की मांग
CG News: ग्रामीणों ने बताया कि है कि एसईसीएल एक कंपनी है पर खदानों में अलग अलग नियमों के तहत पुनर्वास नीति अपनाई जा रही है। दीपका, कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र में लागू पुनर्वास नियम के तहत बसाहट के लिए 15 लाख रुपए दी जा रही है। भूविस्थापितों के रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 5 लाख का टेंडर का प्रावधान रखा गया है, इसे सभी क्षेत्रों में लागू कराने की मांग की है। करतली अंबिका प्रोजेक्ट सराईपाली (बूड़बूड़) कोरबा क्षेत्र बरोद
रायगढ़ क्षेत्र में इन्हीं मांगों पर आंदोलन चलाया जा रहा है।