केन्द्र सरकार के निर्देश पर पिछले दो साल से खाद्य सुरक्षा के राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी की प्रक्रिया चल रही थी। फिर भी प्रदेश में 10 से 60 साल की आयु वर्ग के 34 लाख उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है।
इनको राहत, उन पर सख्ती
प्रदेश में 28 जनवरी तक खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत आने वाले 88 प्रतिशत से अधिक लोगों की ई- केवाईसी हो चुकी है। राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर 60 साल से ऊपर व 10 साल की आयु से छोटे बच्चों को ई- केवाईसी की बाध्यता से बाहर रखा है। प्रदेश में इतने खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड ब्लॉक
जिला – संख्या
अजमेर – 97768 अलवर – 205662 बांसवाड़ा – 121949 बारां – 109393 बाड़मेर – 141943 भरतपुर – 107103 भीलवाड़ा – 107571
बाड़मेर – 102223 बूंदी – 36274 चित्तौड़गढ़ – 80492 चुरू – 93217 दौसा – 90119 धौलपुर – 76407 श्रीगंगानगर – 76748 हनुमानगढ़ – 64776 जयपुर – 181190
जैसलमेर – 29393 जालौर – 136536 झालावाड़ – 58562 झुंझुनूं – 97198 जोधपुर – 195051 करौली – 78881 कोटा – 60340 नागौर – 136424 पाली – 113034
प्रतापगढ़ – 45955 राजसमंद – 91989 सवाईमाधोपुर – 66326 सीकर – 165360 सिरोही – 74717 टोंक – 61512 उदयपुर – 272294
इसलिए हो रही ई-केवाईसी
खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक सदस्य की ई-केवाईसी अनिवार्य है। खाद्य सुरक्षा कार्ड बनने के बाद पहली बार ई-केवाईसी हो रही है। इस अवधि में बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए या अन्यत्र बस गए। इस अवधि में मरने वालों के नाम से भी राशन उठाए जाने की आशंका है। (स्रोत : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मामले विभाग) जिन सदस्यों की अभी तक ई-केवाईसी नहीं हुई हैं, उनका फरवरी से गेहूं बंद कर दिया है। गेहूं नहीं मिलने पर उपभोक्ता झगड़े पर उतारू हो रहे हैं।
भंवरसिंह, अध्यक्ष, राशन विक्रेता संघ झालावाड़ जिन सदस्यों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनके राशन कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं। राशन कार्ड को पुन: सक्रिय करवाने के लिए प्रक्रिया है। कुशल बिलाला, जिला रसद अधिकारी कोटा