एएसआई सुरेश गोचर ने बताया कि कोटा जिले के बड़ोद गांव निवासी लोको पायलट लोकेश मालव (35) बोरखेड़ा थाने की उज्जवल विहार कॉलोनी में रहता था। उसका दोस्त भी उसके साथ ही रहता था। वह पिछले करीब 8 साल से रेलवे में लोको पायलट का काम कर रहा था। गुरुवार को उसका दोस्त ड्यूटी पर चला गया था। इस दौरान शाम को लोकेश का बड़ा भाई घर आया तो लोकेश फंदे पर लटका पाया। उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी। एएसआई गोचर ने बताया कि एमबीएस हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
रेलवे कर्मचारियों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
इधर, लोको पायलट के साथी कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन पर प्रताड़ित करने और परेशान करने का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव को डीआरएम ऑफिस के बाहर एंबुलेंस में रख कर प्रदर्शन किया। इसके बाद कर्मचारी नारेबाजी करते हुए कार्यालय में पहुंचे और करीब एक घंटे प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को देखते हुए जीआरपी, आरपीएफ और भीमगंज मंडी थाने की पुलिस डीआरएम कार्यालय पहुंची।
मामले में मंडल रेल प्रबंधक अनिल कालरा समेत अधिकारियों ने कर्मचारियों की समझाइश की। सहायक लोको पायलट धर्मराज ने बताया कि कुछ दिन पहले लोकेश की तबीयत खराब हुई थी तो वह खांसी की दवा पीकर ड्यूटी पर गया। इस पर सीनियर अधिकारियों को लगा शराब पीकर आया है। उन्होंने आरपीएफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाकर जेल भेजने की बात कही। ऐसे में वह परेशान चल रहा था।
पत्नी दो साल से पीहर रह रही
मृतक के बड़े भाई नरेंद्र मालव ने बताया कि मृतक लोकेश की पत्नी सरोज एलडीसी है। उनका दो साल से घरेलू विवाद चल रहा था। इसके चलते वह पीहर रहती थी। आरोप है कि पत्नी और ससुर लोकेश को उसके 4 साल के बेटे से मिलने नहीं देते थे। ऐसे में परेशान होकर लोकेश ने सुसाइड कर लिया। लोकेश एक दोस्त के साथ रहता था। उसके दोस्त के गुरुवार को ड्यूटी पर जाने के बाद लोकेश ने सुसाइड कर लिया। लोकेश को भी गुरुवार रात को ड्यूटी पर जाना था। उसे दिन में कई फोन किए गए, लेकिन उसने नहीं उठाए। इस पर शाम को उसके घर गया, तब घटना की जानकारी लगी।