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iPhone में मिलेगा इंसान की आंखो जैसा कैमरा, जानिए क्या 20-स्टॉप कैमरा सेंसर? Apple को मिला नया पेटेंट

Apple Camera Patent: एप्पल को मिला नया कैमरा पेटेंट जिसमें 20-स्टॉप डायनामिक रेंज सेंसर की जानकारी दी गई है। यह तकनीक भविष्य के iPhone कैमरे को इंसानी आंखों जैसी विजन क्षमता दे सकती है, जिससे फोटोग्राफी का अनुभव पूरी तरह बदल सकता है।

भारतJul 05, 2025 / 01:06 pm

Rahul Yadav

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Apple Camera Patent (AI Generated Symbolic Image)

Apple Camera Patent Reveals 20-Stop Dynamic Range Sensor: टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति लाने के लिए Apple तैयार है। हाल ही में कंपनी को एक नया पेटेंट मिला है जो भविष्य के iPhone, Vision Pro और अन्य डिवाइसेज में कैमरा क्वालिटी को एक नया मुकाम दे सकता है। यह नई तकनीक इंसानी आंखों की तरह देखने में सक्षम कैमरा सिस्टम से जुड़ी है जो अब तक केवल प्रोफेशनल सिनेमा कैमरों में ही देखा गया था।
Apple Camera Patent का नाम ‘Image Sensor With Stacked Pixels Having High Dynamic Range And Low Noise’, है। यानी ऐसा इमेज सेंसर जिसमें पिक्सल लेयर के ऊपर लेयर होंगी और जो बहुत कम नॉइज के साथ ज्यादा डायनामिक रेंज कैप्चर कर सकेगा।

Apple Camera Patent: क्या है 20-स्टॉप डायनामिक रेंज?

फोटोग्राफी की भाषा में ‘स्टॉप’ का मतलब कैमरा की रोशनी पकड़ने की क्षमता।
जितना ज्यादा स्टॉप, उतना ज्यादा कैमरा अंधेरे और उजाले दोनों को एक साथ संभाल सकता है। आजकल के स्मार्टफोन लगभग 10-12 स्टॉप तक की डायनामिक रेंज संभाल पाते हैं जबकि इंसानी आंख लगभग 20 स्टॉप तक देख सकती है।
अब Apple का दावा है कि उसका नया कैमरा सेंसर पूरे 20 स्टॉप की डायनामिक रेंज कैप्चर कर सकता है यानी अब iPhone से ली गई तस्वीरें इंसानी आंखों जैसी रियल लगेंगी।

कैसे काम करता है यह नया सेंसर?

यह नया सेंसर ‘स्टैक्ड आर्किटेक्चर’ पर आधारित है, मतलब इसमें एक लेयर रोशनी कैप्चर करने की है और दूसरी प्रोसेसिंग व नॉइस कंट्रोल लिए है। इसमें एक खास तकनीक LOFIC (Lateral Overflow Integration Capacitor) इस्तेमाल की गई है जो हर पिक्सल को अलग-अलग तीन स्तरों पर रोशनी को रिकॉर्ड करने देती है। इससे न तो तस्वीरें ब्लर होंगी और न ही हाईलाइट्स जलेंगी।
साथ ही रियल-टाइम पिक्सल-लेवल नॉइस कैंसलेशन भी इसमें है जिससे लो-लाइट में भी तस्वीरें साफ और डिटेल में आएंगी।

यूजर्स को क्या फायदा होगा?

अगर यह तकनीक iPhone या Vision Pro जैसे डिवाइसेज में इस्तेमाल होती है तो यूजर्स को अंधेरे कमरे और तेज रोशनी वाले विंडो वाले सीन में भी बेहतरीन फोटो क्वालिटी मिलेगी, इसका मतलब यह है कि न तो शैडोज में डिटेल्स खोएंगे और न ही उजाले में चीजें जलेंगी।
हालांकि फिलहाल इस तकनीक के बाजार में आने की कोई तय तारीख नहीं है लेकिन Apple के इस कदम से साफ है कि कंपनी मोबाइल फोटोग्राफी को प्रोफेशनल लेवल पर ले जाना चाहती है।
Apple की यह नई इमेज सेंसर तकनीक भविष्य के iPhone को एक ‘सिनेमा-क्वालिटी’ कैमरा डिवाइस में बदल सकती है। अगर यह तकनीक सफल होती है तो मोबाइल फोटोग्राफी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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