थायरॉइड के लक्षण (Symptoms of Thyroid Problem)
थायरॉइड की समस्या के दौरान कुछ सामान्य लक्षण सामने आते हैं। इनमें से सबसे प्रमुख और सबसे ज्यादा देखने को मिलने वाला लक्षण है वजन का अचानक बढ़ना या घटना, थकान और शारीरिक भारीपन महसूस होना, बार-बार असमय ठंड लगना, बालों का झड़ना या पतला होना, त्वचा का सूखापन, और कब्ज या पेट में सूजन का अनुभव होना। इन लक्षणों के संकेत से पता चलता है कि आपको थायरॉइड की समस्या हो सकती है।
थायरॉइड में किन चीजों से परहेज करना चाहिए (What things should be avoided in thyroid?)
सोया प्रोडक्ट (Soya product)
सोया में आइसोफ्लेवोन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो थायरॉइड (
Thyroid) हार्मोन के उत्पादन में रुकावट डाल सकता है। थायरॉइड से पीड़ित लोगों को सोया
दूध, टोफू, या अन्य सोया उत्पादों का सेवन सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
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ब्रोकोली, पत्ता गोभी, फूलगोभी जैसी सब्जियां क्रूसिफेरस वर्ग में आती हैं। इनमें ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक कंपाउंड होता है, जो थायरॉइड ग्लैंड की क्रिया को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर अगर शरीर में आयोडीन की कमी हो। इन्हें पकाकर और सीमित मात्रा में खाना बेहतर होता है।
ग्लूटेन (Gluten)
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है। कुछ थायरॉइड मरीजों को इससे एलर्जी या संवेदनशीलता हो सकती है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपको थायरॉइड है तो ग्लूटेन फ्री प्रोडक्ट्स का सेवन लाभदायक हो सकता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
आयोडीन का अधिक सेवन (Excessive intake of iodine)
थोड़ी मात्रा में आयोडीन थायरॉइड के लिए जरूरी होता है, लेकिन अधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है। आयोडीन युक्त नमक, समुद्री भोजन और सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। कैफीन और चीनी (Caffeine and sugar)
थायरॉइड मरीजों को चाय,
कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय और अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। कैफीन थायरॉइड हार्मोन के असर को बाधित कर सकता है, और अधिक चीनी वजन बढ़ाकर थकान जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।