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Dirty Utensils In Sink: पेट दर्द, दस्त और किडनी की परेशानी, सिंक में पड़े जूठे बर्तन बन सकते हैं इन बीमारियों की वजह

Dirty Utensils In Sink: सिंक में बर्तन रखना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि सिंक में रखे जूठे बर्तनों में बैक्टीरिया पनपते हैं, जो पेट दर्द, दस्त और किडनी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

भारतJul 12, 2025 / 11:07 am

MEGHA ROY

Dirty Utensils Can Cause Diseases फोटो सोर्स – Freepik

Dirty Utensils Can Cause Diseases
फोटो सोर्स – Freepik

Dirty Utensils In Sink: रसोई घर को अक्सर प्यार और पोषण का केंद्र माना जाता है, लेकिन यही जगह कई बार गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है। खासकर अगर आपकी रसोई का सिंक हमेशा जूठे बर्तनों से भरा रहता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ये जूठे बर्तन सिर्फ बदबू और गंदगी नहीं फैलाते, बल्कि कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस का घर भी बन जाते हैं, जो हमारी आंतों, पेट और यहां तक कि किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जूठे बर्तनों में पनपते हैं खतरनाक बैक्टीरिया

जब जूठे href="https://www.patrika.com/lifestyle-news/bar-soap-vs-liquid-soap-dishwashing-know-which-is-safer-19767709" target="_blank" rel="noreferrer noopener">बर्तन लंबे समय तक सिंक में पड़े रहते हैं, खासकर गर्म और नम वातावरण में, तो उन पर तेजी से बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं। बचे हुए खाने के टुकड़े, तेल और चिपचिपे पदार्थ इन सूक्ष्म जीवों के लिए परफेक्ट माहौल बनाते हैं। ई.कोलाई (E. Coli), साल्मोनेला (Salmonella) और स्टेफिलोकोकस (Staphylococcus) जैसे बैक्टीरिया ऐसे ही हालात में विकसित होते हैं, जो फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द, दस्त, उल्टी और आंतों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

किडनी और पाचन तंत्र पर सबसे ज्यादा असर

बार-बार बैक्टीरियल इन्फेक्शन शरीर को कमजोर करता है और इम्यून सिस्टम पर असर डालता है। खासकर जिन लोगों की किडनी पहले से ही कमजोर है या जो डायबिटीज के मरीज हैं, उनके लिए यह खतरा और भी बढ़ जाता है। खराब हाइजीन के कारण शरीर में टॉक्सिन्स का स्तर बढ़ सकता है, जो किडनी को फिल्टर करने में परेशानी पैदा करता है। वहीं बार-बार होने वाली पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, दस्त या इन्फेक्शन लिवर और आंतों की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती हैं।

फूड पॉइजनिंग का खतरा

गंदे बर्तनों पर मौजूद बैक्टीरिया ताजे खाने से मिलकर उसे ज़हरीला बना सकते हैं। ऐसा खाना खाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, बुखार जैसे फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं, जो कभी-कभी गंभीर भी हो सकते हैं।

कीट और मक्खियों का आकर्षण

जूठे बर्तनों पर लगे खाने के टुकड़े मक्खियों और कॉकरोच को खींचते हैं। ये कीट गंदगी से बैक्टीरिया लाकर आपके बर्तनों और खाने को संक्रमित कर सकते हैं, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।

साफ किए गए बर्तन भी हो सकते हैं बैक्टीरिया से संक्रमित

आप सोचते होंगे कि सिंक में पड़े जूठे बर्तनों को धो देने से समस्या खत्म हो जाती है, लेकिन सच्चाई इससे कहीं आगे है। रिसर्च के अनुसार, अगर बर्तनों को केवल पानी या हल्के डिटर्जेंट से धोया जाता है, तो उन पर मौजूद सूक्ष्म बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट नहीं होते। इसके लिए सही तरीके से स्क्रबिंग, गर्म पानी से धोना और समय-समय पर सिंक की डीप क्लीनिंग जरूरी है।


रातभर जूठे बर्तन छोड़ने की आदत से बचें

भारतीय घरों में अक्सर देखा जाता है कि लोग रात का खाना खाने के बाद बर्तन सिंक में छोड़ देते हैं और सुबह उठकर साफ करते हैं। यह आदत सबसे खतरनाक मानी जाती है क्योंकि रातभर बर्तन पड़े रहने से बैक्टीरिया की कॉलोनी बन जाती है, जो सुबह तक आपके सिंक और आसपास के वातावरण में फैल सकती है।

क्या है बचाव का सही तरीका

जूठे बर्तनों को ज्यादा देर तक न छोड़ें, कोशिश करें खाना खाने के तुरंत बाद उन्हें धोने की।

गर्म पानी और एंटी-बैक्टीरियल लिक्विड से बर्तन धोएं।

सिंक की नियमित सफाई करें – हफ्ते में कम से कम 2 बार बेकिंग सोडा और सिरका से डीप क्लीनिंग ज़रूरी है।
डिश स्क्रब और स्पंज को समय-समय पर बदलें – क्योंकि ये भी बैक्टीरिया के बड़े स्रोत बन सकते हैं।

सिंक के आसपास सूखा और साफ माहौल रखें – नमी बैक्टीरिया को न्योता देती है।


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