scriptCourt’s Decision:तेंदुए को जिंदा फूंकने वाले पांच लोगों को सजा, दोषियों में महिलाएं भी शामिल | Court's Decision: Five people who burnt a leopard alive were sentenced, women were also among the culprits | Patrika News
लखनऊ

Court’s Decision:तेंदुए को जिंदा फूंकने वाले पांच लोगों को सजा, दोषियों में महिलाएं भी शामिल

Court’s Decision:पिंजरे में कैद हुए तेंदुए को जिंदा फूंकने वाले पांच दोषियों को कोर्ट ने कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में तत्कालीन ग्राम प्रधान भी शामिल है। दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। तेंदुए को जिंदा फूंकने का ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था।

लखनऊMar 20, 2025 / 03:44 pm

Naveen Bhatt

The court has sentenced five people who burnt a leopard alive in Uttarakhand to imprisonment

तेंदुआ, प्रतीकात्मक फोटो

Court’s Decision:पिंजरे में फंसे तेंदुए को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने वाले पांच लोगों को कोर्ट ने कारावास की सजा सुनाई है। ये मामला उत्तराखंड के पौड़ी जिले का है। सहायक अभियोजन अधिकारी के मुताबिक पौड़ी के पाबौ ब्लॉक के भट्टी, सरणा, कुलमोरी और सपलोड़ी समेत कई गांवों में साल 2022 में तेंदुए ने दहशत फैला रखी थी। उसने एक महिला को भी मार डाला था। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत और भी बढ़ गई थी। लोग शाम ढलते ही खुद को घरों में कैद करने को विवश हो गए थे। महिला की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित भी हो उठे थे। इसी को देखते हुए वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया था। 24 मई 2022 को तेंदुए पिंजरे में फंस गया था। भनक लगते ही लोग मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने पिंजरे में कैद तेंदुए को जिंदा फूंक डाला था। वन विभाग ने पौड़ी कोतवाली में इस मामले में तहरीर सौंपी थी। पुलिस ने तत्कालीन ग्राम प्रधान समेत पांच ग्रामीणों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,लोक सेवक के कामकाम में बाधा समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था। मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की कोर्ट ने सपलोड़ी के तत्कालीन ग्राम प्रधान अनिल नेगी, चोपड़ा निवासी देवेंद्र सिंह व सरणा निवासी सरिता देवी, भुवनेश्वरी देवी और कैलाशी देवी को दोषी माना।

एक-एक साल कैद

तेंदुए को जिंदा जलाने के दोषियों को पौड़ी कोर्ट ने एक-एक साल कैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर 3500-3500 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। बता दें कि तेंदुए को जिंदा फूंकने का ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। वन विभाग ने इसे अमानवीय घटना करार देते हुए पुलिस को तहरीर सौंपी थी। तहरीर के आधार पर ही पुलिस ने ग्राम प्रधान सहित अन्य दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। कल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषियों को कारावास की सजा से दंडित किया।

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