लखनऊ अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में 257 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं, जिनमें से अधिकांश केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश संक्रमण हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, बुजुर्गों और सह-रोगों वाले व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। लखनऊ, भोपाल और बेंगलुरु में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में हैं। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ मानते हैं कि गर्मी और मानसून की शुरुआत में वायरस की गति कुछ समय के लिए बढ़ सकती है।
लक्षण और गंभीरता
JN.1 वैरिएंट के लक्षणों में खांसी, जुकाम, बुखार, गंध और स्वाद में कमी, थकान और सिरदर्द शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन इसकी गंभीरता कम है। अधिकांश मामलों में लक्षण मामूली होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती।
टीकाकरण और बूस्टर डोज़
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान टीके गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन कुछ वेरिएंट्स में संक्रमण से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती। इसलिए, बूस्टर डोज़ लेना आवश्यक है, विशेष रूप से उच्च जोखिम समूहों के लिए। अमेरिका में एफडीए ने 2025-26 सीज़न के लिए JN.1 वैरिएंट को लक्षित करने वाले टीकों की सिफारिश की है।
बचाव के उपाय
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें।
- लक्षण दिखने पर तुरंत परीक्षण कराएं।
- सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
JN.1 वैरिएंट क्या है
JN.1 ओमिक्रोन का एक उप-संस्करण (sub-variant) है, जो BA.2.86 वंश का हिस्सा है। इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे यह अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। JN.1 की पहली पहचान अगस्त 2023 में अमेरिका और फ्रांस में हुई थी, लेकिन अब यह सिंगापुर, चीन, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में तेजी से फैल रहा है।
भारत में वर्तमान स्थिति (मई 2025)
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में अभी तक लगभग 250–300 मामले सक्रिय हैं। सबसे ज्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में सामने आए हैं। लखनऊ, भोपाल और बेंगलुरु में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में हैं। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ मानते हैं कि गर्मी और मानसून की शुरुआत में वायरस की गति कुछ समय के लिए बढ़ सकती है।
लक्षण क्या है
- JN.1 वैरिएंट के लक्षण बहुत हद तक सामान्य फ्लू जैसे हैं:
- गले में खराश
- खांसी और बलगम
- हल्का बुखार
- नाक बहना
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- स्वाद और गंध में कमी (कम मामलों में)
- यह लक्षण लगभग 5–7 दिनों तक बने रहते हैं। कुछ मामलों में थकान दो सप्ताह तक रह सकती है।
गंभीरता कितनी है
प्रोफेसर एस. के. मार्क (
SGPGI, लखनऊ) के अनुसार इस वेरिएंट से संक्रमित अधिकांश लोग हल्के लक्षण महसूस कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती की ज़रूरत सिर्फ 3–5% मामलों में पाई गई है।
यह वैरिएंट “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” (Variant of Interest) की श्रेणी में आता है,यानी तेज़ी से फैलता है लेकिन घातक नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि JN.1 अभी वैश्विक आपातकाल की स्थिति पैदा नहीं कर रहा है।
कोविड वैक्सीन
भारत सरकार के अनुसार वर्तमान कोविड वैक्सीन गंभीर बीमारी से रक्षा करने में सक्षम हैं। हालांकि, यह संक्रमण को पूरी तरह नहीं रोकते। बूस्टर डोज़ की सिफारिश विशेष रूप से बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, और सह-रोग (comorbidities) वाले लोगों के लिए की जा रही है। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट जैसी कंपनियां JN.1 पर केंद्रित अपडेटेड वैक्सीन विकसित कर रही हैं।
किसे विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है
- 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग
- मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग, अस्थमा जैसे रोगों से ग्रस्त व्यक्ति
- गर्भवती महिलाएं
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति (immunocompromised)
बचाव के लिए क्या करें
- मास्क पहनना फिर से शुरू करें –खासकर भीड़ में या बंद स्थानों में।
- हाथ धोते रहें – साबुन या सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- भीड़ से बचें -खासकर यदि आप उच्च जोखिम वाले व्यक्ति हैं।
- टीकाकरण पूरा करें -जिनका बूस्टर डोज़ रह गया है, वे जल्द लगवाएं।
- लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं -RT-PCR या रैपिड टेस्ट दोनों ही प्रभावी हैं।
- होम आइसोलेशन में रहें -जब तक डॉक्टर छुट्टी न दे दें।
सरकार की तैयारी
- सभी सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग की सुविधा पुनः सक्रिय की गई है।
- लैब्स को पर्याप्त टेस्ट किट और PPE किट उपलब्ध कराई गई हैं।
- ज़रूरत पड़ने पर कोविड वार्ड दोबारा शुरू करने की योजना तैयार है।
- एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।