विधानसभावार बनेंगी कमेटियां
इस बार जिला स्तर की बजाय विधानसभावार भाईचारा कमेटियां बनाई जाएंगी। जिलाध्यक्षों से जिलेवार नाम मांगे गए थे, जिनके आधार पर कमेटी गठन का काम शुरू किया गया है। लखनऊ मंडल की कमेटी में सभी जिलों के जिलाध्यक्ष शामिल किए गए हैं। लखनऊ मंडल में शैलेंद्र गौतम (लखनऊ), राजेश कुमार फौजी (रायबरेली), दिनेश गौतम (उन्नाव), सुरेश चौधरी (हरदोई), विपिन कुमार गौतम (लखीमपुर खीरी) और विकास राजवंशी (सीतापुर) को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
2007 में मिली थी सफलता, 2012 के बाद बंद हो गई थी प्रक्रिया
भाईचारा कमेटियां बसपा के लिए विधानसभा चुनाव 2007 में काफी प्रभावी साबित हुई थीं। इन कमेटियों की बदौलत बसपा को बड़ी जीत मिली थी। हालांकि, 2012 के चुनावों में खराब परिणाम के बाद इन्हें भंग कर दिया गया था। अब 13 साल बाद इनका गठन दोबारा शुरू किया गया है। निचले स्तर पर गठित होंगी समितियां
भाईचारा संगठन के अंतर्गत राकेश कुमार गौतम और विनय कश्यप को रखा गया है। इन कमेटियों का मुख्य काम निचले स्तर पर जाकर समितियां बनाना होगा। जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और मुस्लिम समुदाय के लोगों को कमेटियों में जोड़ा जा रहा है।