प्रदेश में उगाई जा रही हैं 59 प्रमुख किस्में
प्रदेश में 10 वर्षों के भीतर गन्ने की जलवायु आधारित किस्मों का विकास किया गया है। प्रदेश में 59 प्रमुख किस्में उगाई जा रही हैं। इनमें 28 अगेती और 31 मध्य पछेती वर्तमान में काफी सफलतापूर्वक प्रयोग की जा रही हैं। यह प्रयास किसानों को बेहतर उपज और लाभ देने में मददगार साबित हो रहे हैं। अब तक 243 उत्कृष्ट किस्मों को विकसित किया जा चुका है। ये किस्में गन्ना उद्योग के अनुरूप अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई हैं। यह प्रजातियां न केवल उत्पादन बढ़ाने में कारगर हैं बल्कि इनसे शुगर रिकवरी भी बेहतर होती है।
फसल की गुणवत्ता में हो रहा इजाफा
267 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तैयार की गई प्रजनक बीज नर्सरी गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। नर्सरी के माध्यम से किसानों को प्रमाणित और रोग रहित बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे फसल की गुणवत्ता में इजाफा हो रहा है।
गन्ने की नई किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त
नवाचार के तहत विकसित की गई गन्ने की नई किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त हैं। इससे फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट और बीमारियों का प्रभाव कम हुआ है, जिससे उत्पादन लागत घटकर मुनाफा बढ़ा है। इसका सीधा फायदा प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को हो रहा है। गन्ना समितियों को बनाया जा रहा अधिक प्रभावी और पारदर्शी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गन्ना समितियों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा रहा है। किसानों को समय पर भुगतान, बीज, उर्वरक, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने में समितियों की भूमिका को अधिक मजबूत किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के किसानों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलेगा।