महाकुंभ ने बदली उत्तर प्रदेश की छवि
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत किया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि को बदलने में भी सहायक रहा। उन्होंने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि महर्षि भरद्वाज की नगरी प्रयागराज जो कि दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है वो पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में माफियाओं के कब्जे में थी। पवित्र स्थलों पर अवैध कब्जे
मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्षय वट को गुलामी के दौर में बंद कर दिया गया था, जिससे 500 वर्षों तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे। माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे धार्मिक स्थल उपेक्षित थे जबकि श्रृंगवेरपुर, जो भगवान राम और निषादराज की मित्रता स्थल है वहां लैंड जिहाद के जरिए अतिक्रमण कर लिया गया था। इसी तरह द्वादश माधव और नागवासुकी मंदिर भी अवैध कब्जों की चपेट में था। महाकुंभ के दौरान नए कॉरिडोर विकसित कर इन स्थलों को मुक्त कराया गया।
महाकुंभ: ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ ने सनातन धर्म की व्यापकता और पवित्रता को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। त्रिवेणी संगम में हर जाति, पंथ और क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने एक साथ स्नान कर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त किया। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नकारात्मक सोच रखने वालों से सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के शासन में 1954, 1974, 1986, 2007 और 2013 में हुए कुम्भ आयोजनों की अव्यवस्थाओं का जिक्र किया। 1954 में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई, 2007 में प्राकृतिक आपदा ने जन-धन की हानि की, और 2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने संगम की गंदगी देखकर दुख जताया। इसके विपरीत, 2019 और 2025 के महाकुंभ को स्वच्छ, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया गया। 2025 का महाकुंभ: स्वच्छता, सुरक्षा और तकनीक का संगम
सीएम योगी ने कहा कि 2025 का महाकुंभ स्वच्छता, सुरक्षा और तकनीक का बेहतरीन उदाहरण होगा। 2019 में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में महाकुंभ की नकारात्मक छवि को सुधारने का प्रयास शुरू हुआ, जिसे 2025 में और सशक्त किया गया।
- डिजिटल खोया-पाया केंद्र के माध्यम से 54,000 बिछड़े लोगों को उनके परिवारों से मिलाया गया।
- 1.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया और उन्हें क्यूआर कोड से जोड़ा गया।
- 11 भाषाओं में एक ऐप विकसित किया गया जिससे श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
- श्रद्धालुओं को अधिक पैदल न चलना पड़े इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए।
दुर्घटनाओं से निपटने में प्रशासन की तत्परता
सीएम योगी ने मौनी अमावस्या की रात हुए हादसे का जिक्र करते हुए बताया कि 10 करोड़ से अधिक भीड़ के बीच कुछ लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों और संतों से संवाद कर अमृत स्नान को दोपहर तक स्थगित किया, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना न हो। यह सनातन धर्म की श्रद्धा और एकता का प्रतीक है।
इतिहास छिपाने वालों पर हमला
मुख्यमंत्री ने कहा कि औरंगजेब को आदर्श मानने वालों की मानसिकता विकृत है। उन्होंने शाहजहां की किताब का हवाला देते हुए बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर दिया और एक बूंद पानी के लिए तरसा दिया, अपने ही भाई की हत्या कर दी। सीएम योगी ने संभल का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि 5000 साल पुराने पुराणों में इसका उल्लेख है, जहां श्रीहरि का दसवां अवतार प्रकट होगा। 1526 में मीर बाकी ने वहां मंदिर तोड़ा लेकिन अब तक 18 तीर्थस्थलों का उत्खनन हो चुका है। उन्होंने कहा कि नया भारत आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों में अग्रणी होगा।