मानसून अलर्ट: कहां गिरेगी बिजली, कहां होगी ओलावृष्टि,मानसून की दस्तक, मौसम विभाग अलर्ट
टॉप 10 जिलाधिकारी और उनके जिले
1.महराजगंज – IAS संतोष कुमार शर्माजिले में शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था में सराहनीय कार्य। ग्रामीण क्षेत्र में डिजिटल जनसुनवाई की पहल। 2.जालौन – IAS राजेश कुमार पांडेय
जनकल्याणकारी योजनाओं के समयबद्ध वितरण और राजस्व वसूली में अनुकरणीय प्रदर्शन।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम, महिला सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल। 4.बरेली – IAS अविनाश सिंह
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को तीव्र गति से आगे बढ़ाने और नागरिक सुविधाओं में व्यापक सुधार।
ग्रामीण सड़कों के निर्माण, जल संरक्षण योजनाओं और किसान हित में सशक्त कार्य। 6.श्रावस्ती – IAS अजय कुमार द्विवेदी
सीमावर्ती जिले में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका।
बौद्ध पर्यटक सर्किट के विकास और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में प्रयासरत। 8.ललितपुर – IAS अक्षय त्रिपाठी
जल संकट से जूझ रहे क्षेत्र में जलसंरक्षण व सिंचाई योजनाओं का प्रभावी संचालन।
प्रशासनिक नवाचार, ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ और पारदर्शी शासन प्रणाली को बढ़ावा। 10.मुजफ्फरनगर – IAS उमेश मिश्रा
कानून-व्यवस्था में अनुकरणीय सुधार और औद्योगिक निवेश के लिए सकारात्मक माहौल तैयार किया।
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मूल्यांकन की मुख्य बातें
- इस रैंकिंग की प्रक्रिया में जिन मापदंडों को अपनाया गया, वे हैं:
- जनसुनवाई समाधान दर: जनता की शिकायतों के त्वरित और संतोषजनक निस्तारण का प्रतिशत।
- योजनाओं की क्रियान्वयन क्षमता: केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से ज़मीन पर उतारना।
- लॉ एंड ऑर्डर: कानून-व्यवस्था की स्थिति, अपराध नियंत्रण और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- राजस्व सुधार: भू-राजस्व, कर संग्रह, भूमि विवाद निपटान में दक्षता।
- नवाचार व डिजिटलीकरण: e-Governance, डिजिटल फाइलिंग, RTPS, ऑनलाइन सेवाओं की गति।
- सामाजिक विकास संकेतक: शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण आदि।
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मुख्यमंत्री कार्यालय की टिप्पणी
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा,”इन अधिकारियों ने प्रदेश में शासन व्यवस्था को आमजन तक पहुँचाने का ईमानदार प्रयास किया है। उनकी कार्यप्रणाली प्रेरणास्पद है और अन्य जिलों को भी इसी मार्ग पर चलना चाहिए। यह रैंकिंग पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम है।”यूपी में कानून का लोहे जैसा शिकंजा: 2.16 लाख पुलिस भर्ती, जानिए खास बात
जनता का मत
- प्रदेशभर से लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, जिनमें जिलों की बेहतर सड़कें, ई-जनसुनवाई, भ्रष्टाचार में कमी और योजनाओं की बेहतर पहुंच को लेकर संतोष जताया गया है।
- बरेली के निवासी संजय गुप्ता कहते हैं: “अब अधिकारियों से मिलना और शिकायत दर्ज कराना पहले से बहुत आसान हो गया है।”
- लखीमपुर की शिक्षिका रीना मिश्रा कहती हैं: “महिला सुरक्षा और स्कूलों की हालत में बदलाव देखकर लगता है प्रशासन सच में सक्रिय है।”