UP Electric Vehicle Scheme: उत्तर प्रदेश बना देश का EV हब: 4.14 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ सबको पछाड़ा
UP Electric Vehicle: उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दौड़ में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। 4.14 लाख से अधिक ईवी के साथ यह राज्य नंबर एक पर पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों व चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास ने इसे भारत का अग्रणी EV राज्य बना दिया है।
फोटो सोर्स : Patrika: योगी सरकार की EV नीति का कमाल: यूपी में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन
UP Electric Vehicle Scheme Number One: देश में तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बीच उत्तर प्रदेश ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 4.14 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ इसने दिल्ली (1.83 लाख) और महाराष्ट्र (1.79 लाख) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि भारत के इलेक्ट्रिक भविष्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय समस्याओं से जूझते विश्व के लिए इलेक्ट्रिक वाहन एक व्यवहारिक और सतत समाधान के रूप में उभरे हैं। पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और नॉइज़ पॉल्यूशन पर नियंत्रण पाने के लिए ईवी एक जरूरी कदम बन गया है। उत्तर प्रदेश ने इस बदलाव की दिशा में एक अग्रणी भूमिका निभाई है।
सीएम योगी की पहल
उत्तर प्रदेश में ईवी क्रांति की नींव 2022 में लाई गई नई ‘इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं परिवहन नीति’ ने रखी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य था:
इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता को तेजी से बढ़ाना
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत नेटवर्क विकसित करना
उत्तर प्रदेश को ईवी व बैटरी निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने इस नीति के तहत ₹30,000 करोड़ तक के निवेश को आकर्षित करने और 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने का लक्ष्य तय किया है।
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल संख्या में सबसे बड़ा योगदान ई-रिक्शा का है। ईवी बिक्री में 85% हिस्सेदारी तीन-पहिया ई-रिक्शा की है। ये खासकर शहरी क्षेत्रों में यात्रियों और सामान ढोने के लिए बेहद कारगर साबित हुए हैं। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और कानपुर जैसे शहरों में ई-रिक्शा की भारी मांग देखी जा रही है, जिससे आम जनता को सस्ते और पर्यावरण अनुकूल ट्रांसपोर्ट का विकल्प मिला है।
उत्तर प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में ईवी का तेजी से उपयोग देखा गया है। अयोध्या, जहां राम मंदिर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, वहां सरकार सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने जा रही है। इससे ना केवल पर्यटन को बल मिलेगा बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में जबरदस्त विस्तार
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है – चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता। इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल करते हुए:
प्रदेश के 16 नगर निकायों में 300+ नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया
विशेष रूप से फास्ट चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया है
अयोध्या में सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं
भारत में इस समय 33,000 से अधिक ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं, जिनमें से 35% फास्ट चार्जर हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा और तेज़ी से बढ़ाया जा रहा है।
निवेश और रोजगार की बुनियाद
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार: 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर ईवी निर्माण और बैटरी टेक्नोलॉजी में राज्य को आत्मनिर्भर बनाना।10 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करना। यह निवेश सिर्फ चार्जिंग स्टेशन या वाहन निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि बैटरी निर्माण, रिसर्च और डेवलपमेंट, स्किल डवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और ईवी लॉजिस्टिक्स को भी कवर करता है।
उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की FAME India Scheme – फेम 1 और फेम 2 (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) का सबसे बड़ा लाभार्थी माना जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से:
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंडिंग
इलेक्ट्रिक बसों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिला है
ईवी इनोवेशन का केंद्र बनने की दिशा में आगे
उत्तर प्रदेश अब केवल ईवी अपनाने वाला राज्य नहीं बल्कि ईवी इनोवेशन का केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार की आगे की योजनाओं में:
शून्य उत्सर्जन वाले “ग्रीन जोन” बनाना
सभी सरकारी वाहनों को चरणबद्ध रूप से ईवी में परिवर्तित करना
ग्रामीण क्षेत्रों में ईवी अपनाने की पहल
आंकड़ों में उत्तर प्रदेश की ईवी क्रांति
राज्य
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की संख्या
उत्तर प्रदेश
4.14 लाख+
दिल्ली
1.83 लाख
महाराष्ट्र
1.79 लाख
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