गिरफ्तारी की पुष्टि और आरोपों का ब्यौरा
गिरफ्तार किया गया अपराधी शाहरुख पुत्र मुख्तार, ग्राम गड़वारीपुर, थाना अंतू, जनपद प्रतापगढ़ का निवासी है। वह प्रतापगढ़ जिले के थाना पट्टी में जून 2025 में दर्ज एक गंभीर मामले में नामजद अभियुक्त था। उसके खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। फरारी के दौरान उसने कई बार अपना ठिकाना बदला और पुलिस से बचने के लिए लगातार भागता रहा।
खुफिया सूचना पर हुई कार्रवाई
एसटीएफ लखनऊ को कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि प्रतापगढ़ का इनामी शाहरुख राजधानी में सक्रिय है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। STF मुख्यालय से मिले निर्देशों के तहत पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई। मुखबिर से STF को सूचना मिली कि शाहरुख चारबाग रेलवे स्टेशन के पास अपने किसी परिचित से मिलने के लिए आने वाला है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए STF टीम ने पूरी योजना बनाकर सुबह करीब 8 बजे मौके पर घेराबंदी कर दी।
गिरफ्तारी की टीम में कौन-कौन शामिल था
- गिरफ्तारी अभियान में शामिल STF टीम में निम्न पुलिसकर्मियों ने मुख्य भूमिका निभाई:
- उपनिरीक्षक अतुल चतुर्वेदी
- उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह
- मुख्य आरक्षी नीरज पांडेय, सुशील सिंह, राम निवास शुक्ला, राजीव कुमार
- आरक्षी ब्रजेश बहादुर सिंह, अमित त्रिपाठी, अमर श्रीवास्तव
इन अधिकारियों ने पूरी रणनीति के साथ चारबाग रेलवे स्टेशन के पास घेराबंदी कर जैसे ही शाहरुख पहुंचा, उसे बिना किसी संघर्ष के गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान किसी प्रकार की मुठभेड़ या सार्वजनिक अवरोध की कोई सूचना नहीं मिली है।
पूछताछ में किया अपराध स्वीकार
गिरफ्तारी के तुरंत बाद STF ने आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ की। पूछताछ में शाहरुख ने यह स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जून माह में प्रतापगढ़ के थाना पट्टी क्षेत्र में एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की थी। इस वारदात के बाद जब उस व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, तो शाहरुख फरार हो गया। उस पर पहले से ही कुछ छोटे-मोटे मामले दर्ज थे, लेकिन इस ताजा मामले के बाद उसे इनामी घोषित कर दिया गया। लगातार फरारी और गिरफ्तारी से बचने की उसकी चालों को भांपते हुए पुलिस ने ₹50,000 का इनाम घोषित किया था।
कानूनी कार्यवाही की स्थिति
गिरफ्तार किए गए अभियुक्त को बाद में लखनऊ पुलिस ने प्रतापगढ़ पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। प्रतापगढ़ पुलिस ने आरोपी को अपने संरक्षण में लेते हुए आगे की विधिक कार्यवाही शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई किए जाने की भी संभावना है, क्योंकि वह क्षेत्र में कई बार शांति भंग करने वाली गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।
STF की भूमिका पर पुलिस महकमे में सराहना
इस गिरफ्तारी के बाद STF की भूमिका की हर स्तर पर प्रशंसा की जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने STF टीम की तत्परता और सूझबूझ की सराहना की है। एक अधिकारी ने कहा कि “STF उत्तर प्रदेश में एक कुशल और तेज़ रिएक्शन यूनिट बन चुकी है। हाल के महीनों में अपराधियों के खिलाफ जिस तरह से यह टीम सक्रिय रही है, वह कानून व्यवस्था की स्थिति को और बेहतर करने की दिशा में मील का पत्थर है।”
बढ़ते अपराध और पुलिस की चौकसी
प्रतापगढ़ और उसके आसपास के जिलों में कुछ समय से स्थानीय अपराधियों का सक्रिय होना चिंता का विषय बना हुआ था। खासकर छोटे-छोटे गांवों में संगठित अपराधी गिरोहों के बढ़ते प्रभाव को लेकर स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे थे। ऐसे में इस तरह की गिरफ्तारियां एक कड़ा संदेश देती हैं कि अपराध और अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी STF के इस एक्शन को सराहा है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने STF टीम की फोटो और गिरफ्तारी की खबर को साझा करते हुए लिखा ,“अब यूपी में अपराधियों की खैर नहीं है। STF की हर चौकसी से जनता को सुरक्षा का एहसास हो रहा है।”