UP Launch NCR: अब लखनऊ बनेगा नया NCR: 6 जिलों की सूरत संवारेगा SCR
Lucknow Development: लखनऊ समेत छह जिलों को मिलाकर बनने वाला स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) अब आकार लेने जा रहा है। विश्व बैंक के सहयोग से बनने वाला यह रीजनल प्लान 71 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। SCR से आधारभूत ढांचे, रोजगार और आर्थिक विकास को मिलेगा जबरदस्त बल।
UP to Launch Its Own NCR: दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत आसपास के जिलों के सुनियोजित विकास के लिए स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) की नींव रखी जा चुकी है। इस महत्वाकांक्षी योजना को अगले छह वर्षों में आकार देने का लक्ष्य है। SCR के अंतर्गत लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली और अयोध्या जैसे जिलों को सम्मिलित किया गया है। इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल लगभग 26,700 वर्ग किलोमीटर होगा, जो समेकित विकास, आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन और बेहतर जीवन शैली की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।
SCR के लिए रीजनल प्लान की तैयारियों में तेजी लाई गई है। इसकी रूपरेखा 71 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी, जिसमें कॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एम इंडिया प्रा. लि. की कंसल्टेंसी साझेदारी निभा रही है। ये कंपनियां एक वर्ष के भीतर विस्तृत रीजनल प्लान तैयार करेंगी। इस योजना को साकार करने में विश्व बैंक भी सहयोग देगा और अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव साझा करेगा।
एलडीए में प्रेजेंटेशन, हाई लेवल कमेटी के चेयरमैन की उपस्थिति
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के पार्षद सभागार में आयोजित हाई लेवल बैठक में योजना का विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया। बैठक की अध्यक्षता एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने की, जबकि इसमें आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, मण्डलायुक्त रोशन जैकब, नगर नियोजक, अभियंता, और विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
कंसल्टेंसी कंपनियों को एक साल में SCR का मास्टर प्लान तैयार करना है। इसके तहत वह करीब 25 प्रमुख परियोजनाओं की पहचान करेंगी और उनके विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाकर क्रियान्वयन का रास्ता तय करेंगी। योजना में विशेष जोर स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, हेरिटेज संरक्षण, और शहरी सुविधाओं के ग्रामीण विस्तार पर होगा।
SCR में आने वाले जिलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए रिंग रोड, एक्सप्रेसवे, रेल नेटवर्क और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जाएंगे। लखनऊ और अन्य शहरों के बीच तेज आवाजाही से व्यापार, उद्योग और नौकरी के अवसरों को गति मिलेगी। यह योजना न केवल संपर्क को बेहतर बनाएगी, बल्कि लोगों के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने का काम करेगी।
इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। योजना के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, जलापूर्ति, सड़क नेटवर्क और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे को गांवों तक पहुँचाने की रणनीति है। इससे गांवों में रह रहे लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा और ग्रामीण पलायन में भी कमी आएगी।
SCR के रीजनल प्लान में राज्य की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विश्व बैंक की टीम ने भी इस दिशा में अपने अनुभव साझा करने का आश्वासन दिया है। हेरिटेज ज़ोन, वॉकिंग कॉरिडोर, और पर्यटन विकास SCR के एक अभिन्न अंग होंगे।
प्रदेश सरकार SCR के जरिए उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश के एक नए हब के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। योजना के पूर्ण होते ही SCR क्षेत्र में लाखों रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी बल्कि स्थानीय युवाओं को उनके गृह जनपद में ही रोजगार मिल सकेगा।
उद्योग जगत के लिए SCR को एक निवेश-फ्रेंडली जोन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), आईटी पार्क, औद्योगिक गलियारे और लॉजिस्टिक्स हब स्थापित किए जाएंगे। वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस योजना में फाइनेंसिंग, टेक्निकल सपोर्ट और मॉनिटरिंग की भूमिका निभाएंगी। एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि प्लान तैयार होते ही विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य SCR को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल बनाकर आगे अन्य मेट्रो सिटीज़ के लिए भी इसी मॉडल को लागू करना है।
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