योगी सरकार का प्रयास मौसम जनित आपदाओं से हो न्यूनतम क्षति
मानसून का पूरा सीजन अभी बाकी है। लिहाजा मौसम का यह अप्रत्याशित व्यवहार चिंताजनक है। फिलहाल योगी सरकार लोगों के अधिकतम हित के लिए इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह संजीदा है। उसका संभव प्रयास है कि जागरूकता और पूर्व सूचना के जरिए इस दौरान होने वाले जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जाए। साथ ही जिसे या जिसके परिवार को क्षति हुई हो, उसे भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा के लिए जितनी जल्दी संभव हो मदद की जाए। यह सब हो भी रहा है।
पिछले कुछ सालों में बारिश से क्षति का दायरा बढ़ा
उल्लेखनीय है कि अब मौसम जनित ऐसी आपदाएं मानसून के सीजन तक सीमित नहीं रहीं। पिछले तीन-चार दशकों से ग्लोबल वार्मिंग जनित क्लाइमेट चेंज के नाते इनका और इनसे होने वाली क्षति का दायरा बढ़ा है। बावजूद इसके आंधी, गरज के साथ आकाशीय बिजली और भारी बारिश से सर्वाधिक क्षति की संभावना मानसून के (सीजन जून से सितंबर) के दौरान ही होती है।
मौसम विभाग की मदद से सरकार जारी करती है अलर्ट
ऐसे मौसम में जान-माल की संभावित क्षति को न्यूनतम करने के लिए मौसम विभाग की मदद से सरकार जरूरत पर अलर्ट जारी करती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसे मौसम में वे अपेक्षाकृत सुरक्षित मकान में चले जाएं। खिड़की, दरवाजे, पेड़, मोबाइल टावर, बिजली के खंभों, पानी के स्रोतों से दूर रहें। बच्चों को बाहर न खेलने दें। लोहे की खिड़की, दरवाजे और हैंडपंप से दूर रहें। अगर ऐसे मौसम में आप कहीं खुली जगह पर फंस गए हैं तो दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें और घुटनों के बल उकड़ू बैठ जाएं। मौसम के पूर्वानुमान और उसकी गंभीरता के अनुसार सुरक्षा के लिए मोबाइल में दामिनी या सचेत ऐप को डाउनलोड कर लें। इसके अलावा मदद के लिए कंट्रोल रूम नंबर पर फोन कर सकते हैं। योगी सरकार आकाशीय बिजली के लिए लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम का क्रियान्वयन करने जा रही है। इसी क्रम में जिला स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देकर हानि को न्यूनतम करने का प्रयास किया जा रहा है।
जानिए क्या है TOA तकनीक
मौसम विभाग पहले से ही बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) को दिए गए निर्देशों के बाद, पूरे राज्य में आगमन समय (टीओए) प्रौद्योगिकी पर आधारित अत्याधुनिक बिजली पहचान प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो समय और स्थान के मामले में अधिक सटीक है। यह प्रणाली किसी विशेष क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना का कम से कम 30 मिनट पूर्व लगाकर लोगों को आगाह कर देती है। चरणबद्ध तरीके से इसकी स्थापना का भी काम शुरू हो चुका है।