CG Dhan Kharidi: संग्रहण केंद्रों में तैयारी
जानकारी के मुताबिक 28 फरवरी तक जिले के सभी उपार्जन केंद्रों से धान उठाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 1 लाख 62 हजार 288 पंजीकृत थे। 1 लाख 53 हजार 270 किसानों ने धान बेचा। इन किसानों से 110 लाख 42 हजार 732 क्विंटल धान की खरीदी हुई। 25 खरब का
धान खरीदा गया। अब उठाव को लेकर मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिला नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि 15 दिनों के भीतर उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव कर लिया जाएगा। हर दिन 2 लाख क्विंटल का उठाव किया जा रहा है।
संग्रहण केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है। स्टेक लगाने के लिए भूसा डाला जा रहा है। जानकारी के मुताबिक धान के उठाव के लिए डीओ भी जारी कर दिया गया है। आगामी दिनों में धान के परिवहन में तेजी आने की उम्मीद है। समितियों की भी यही मांग है कि जल्द धान का उठाव हो।
केंद्रों की बढ़ी मुश्किलें धान बेचने हुए पकड़ाया
जिले के करीब 70 फीसदी उपार्जन केंद्रों में 90 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है।
महासमुंद और बागबाहरा ब्लॉक के केंद्रों में धान उठाव की स्थिति अच्छी है। यहां के केंद्रों से 95 फीसदी तक धान का उठाव कर लिया गया है। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि जिस गति से धान का उठाव होना चाहिए, वैसा नहीं हो रहा है। इससे हर समिति में सूखत की समस्या आ रही है। 200 से 300 क्विंटल तक सूखत की समस्या आ रही है।
खरीदी केंद्र का धान बेचते हुए ड्राइवर पकड़ा गया। ड्राइवर 1 मार्च को मेमरा में चाय की दुकान के सामने धान का उतार रहा था। सूचना पर विभाग की टीम पहुंची। तौल कराने पर 90 किलो धान कम पाया गया। कुरचुंडी धान खरीदी केंद्र प्रभारी क्षमानिधि साव पिता सहदेव साव (55) निवासी ग्राम कुदारीबाहरा ने पुलिस को बताया कि 1 मार्च को ट्रक क्रमांक सीजी 11 एजी 1972 के चालक नवीन सेठ के ट्रक में खरीदी केन्द्र से 700 बोरी धान संग्रहण केन्द्र
महासमुंद तुमाडबरी के लिए रवाना किया था।
ट्रक चालक नवीन सेठ ग्राम मेमरा में चमरू यादव की किराना व चाय दुकान के सामने ट्रक क्रमांक सीजी 11 एजी 1972 का चालक नवीन सेठ ट्रक से धान बोरी गिराकर अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर धान की चोरी कर रहा था। सूचना प्राप्त होने पर मौके पर जाकर ट्रक को पकड़कर लड्डू गोपाल धरमकांटा में कांटा कराया गया। इसमें लोड धान से 90 किलो धान कम पाया गया।