scriptMau Crime: सरकारी अध्यापक का बेटा कैसे बना प्रदेश का टॉप टेन अपराधी, जानिए अनुज कन्नौजिया की कहानी | Mau: How the son of a government teacher became the top ten criminal of the state, know the story of Anuj Kannaujia | Patrika News
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Mau Crime: सरकारी अध्यापक का बेटा कैसे बना प्रदेश का टॉप टेन अपराधी, जानिए अनुज कन्नौजिया की कहानी

आतंक का पर्याय बन चुके अनुज कन्नौजिया को गोरखपुर एसटीएफ ने झारखंड पुलिस की मदद से मार गिराया है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने उस पर इनाम की राशि एक लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया था।

मऊMar 31, 2025 / 10:21 pm

Abhishek Singh

पूर्वांचल के जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके अनुज कन्नौजिया को गोरखपुर एसटीएफ ने झारखंड पुलिस की मदद से मार गिराया है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने उस पर इनाम की राशि एक लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया था। सिलसिलेवार हत्याओं के लिए कुख्यात अनुज कन्नौजिया आखिर था कौन?? और कैसे बना था जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह।

आइए जानते है..


बात सन 1993 की है, पेशे से सरकारी अध्यापक और चिरैयाकोट के भटौली नवापुरा निवासी राम दुलारे कन्नौजिया के तीन बेटों में दूसरे नंबर के बेटे मनोज कन्नौजिया ने गांव में हुए आपसी विवाद में प्रमोद सिंह की हत्या नहर पुलिया पर कर दी थी। इस हत्या के पश्चात पुलिस ने मनोज कन्नौजिया को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि पुलिस ने मऊ जिले के भीटी में मनोज का एनकाउंटर कर दिया था वहीं उसके घर वालों का कहना है कि पुलिस ने मनोज को पकड़ कर ठाकुर जाति के लोगों के हवाले कर दिया था और उन लोगों ने पीट पीट कर मनोज को मौत के घाट उतार दिया था।

अपने गांव में किया हत्या


प्रमोद सिंह की हत्या के गवाह और पैरोकार थे जिला पंचायत सदस्य गुड्डा सिंह। जब मनोज कन्नौजिया की मौत हो गई तो उसके छोटे भाई अनुज कन्नौजिया ने भाई का बदला लेने की ठानी। उसने 13 जून 2003 में मात्र 17 साल की उम्र में गुड्डा सिंह के भतीजे शरद सिंह की हत्या कर दी और घर से फरार हो गया। उसी दौरान वह मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और उनका सबसे भरोसेमंद शार्प शूटर बन गया। भाई की मौत का उसका बदला अभी पूरा नहीं हुआ था और उसने 21 अक्टूबर 2006 को गुड्डा सिंह की भी हत्या उस समय कर दी जब वह दीपावली के दिन मूर्तियों का अनावरण करके वापस घर लौट रहे थे। इसके बाद तो मऊ समेत पूर्वांचल में आतंक का बेताज बादशाह बन गया अनुज कन्नौजिया।
उसने एक के बाद एक सिलसिलेवार हत्याएं कीं।

प्रेमिका के शिकायत पर हत्या


प्रेमिका के शिकायत पर उसने दुल्लहपुर में मनोज वर्मा की हत्या की। वहीं नवंबर 2009 में मऊ के गाजीपुर तिराहे पर ए श्रेणी के ठेकेदार मन्ना सिंह, 2010 उनके गनर और गवाह रामसिंह मौर्या तथा कांस्टेबल सतीश सिंह की हत्या की। 2014 में उसने आजमगढ़ जिले के तरवां में भी एक हत्या की। आतंक की दुनिया का पर्याय बने अनुज कन्नौजिया के ऊपर मऊ,आजमगढ़ और गाजीपुर में कुल 23 मुकदमे दर्ज थे।
अनुज की प्रेमिका रीना राय जो अब उसकी पत्नी भी है और जरायम की दुनिया में उसका साथ देती थी।

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