महिलाओं ने किया विरोध, पुलिस ने संभाला मोर्चा
नगर निगम की टीम अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार तृतीय के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। जैसे ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई, अतिक्रमण करने वालों में शामिल विक्रम सैनी और मनोज थरेजा के परिवार की महिलाओं ने हंगामा किया। हालांकि, महिला पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए विरोध कर रहीं महिलाओं को मौके से हटाया और कार्रवाई जारी रखी गई।
दीवार गिराने में हुई थी गलती, कोर्ट ने दिया था आदेश
करीब चार महीने पहले नगर निगम के उप नगर आयुक्त राज किशोर ने गलती से सुभाष चंद्र रस्तोगी की दीवार बुलडोजर से गिरवा दी थी। इसके विरोध में सुभाष रस्तोगी ने नगर निगम और प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई और बाद में न्यायालय में याचिका दायर की। न्यायालय ने दीवार गिराने को गलत ठहराते हुए निगम को नई दीवार बनवाने का आदेश दिया। नगर निगम ने अदालत के आदेश पर दीवार दोबारा बनवा दी। हालांकि, उप नगर आयुक्त ने बाद में एसडीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर दोबारा पैमाइश की मांग की। इस दोबारा जांच में भी यह पुष्टि हुई कि गलती से सुभाष रस्तोगी की दीवार गिरा दी गई थी, जबकि गिराई जानी थी विक्रम सैनी और मनोज थरेजा के प्लॉट की दीवार।
अतिक्रमण हटाने को दिया गया सात दिन का समय
मुख्य सुरक्षा अधिकारी अविनाश गौतम ने बताया कि रास्ते में आ रहे 1.5 मीटर लंबे लिंटर को काटा गया है। इसके अलावा दीवार हटाने के लिए संबंधित पक्ष को सात दिन का समय दिया गया है। मौके पर अवर अभियंता अखिलेश पाल और मझोला थाना पुलिस बल भी तैनात रहा।