1 जून से थम सकती हैं मौसम की गतिविधियां
आईएमडी के अनुसार, 1 जून के बाद आंधी-पानी का यह सिलसिला तीन से चार दिनों तक थम सकता है। इस दौरान तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी, लेकिन लू चलने की संभावना नहीं है। अगर मानसून तय समय से पहले यानी 15 जून से पहले प्रवेश करता है, तो अच्छी बारिश के आसार हैं। वर्तमान में मानसून की औपचारिक प्रवेश तिथि 15 जून तय की गई है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा
उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में शामिल जिलों में कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, आगरा, फिरोजाबाद, चित्रकूट, झांसी, बांदा और फतेहपुर प्रमुख हैं। वहीं, शाहजहांपुर, बस्ती, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, सीतापुर और गोरखपुर समेत उत्तरी यूपी के जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
उमस से लोग बेहाल, नमी में भी इजाफा
शुक्रवार को अधिकतम नमी 68 प्रतिशत और न्यूनतम 42 प्रतिशत रही। दिन का अधिकतम तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.8 डिग्री कम था। रात का तापमान भी घटकर 26.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से नीचे है। लगातार चल रही उत्तर-पूर्वी हवाओं के कारण नमी का स्तर बढ़ा, जिससे उमस और पसीने ने लोगों को परेशान किया।
वज्रपात और गरज-चमक की भी चेतावनी
बांदा, फतेहपुर, गोरखपुर, बलिया, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, झांसी और मुरादाबाद सहित कई जिलों में वज्रपात और तेज गरज-चमक के साथ बारिश की आशंका है। लोगों को खराब मौसम के दौरान खुले में न निकलने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
मौसम वैज्ञानिकों की राय
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों तक तेज हवाएं और बारिश पूरे प्रदेश को प्रभावित करेंगी। 60 से अधिक जिलों में चेतावनी जारी की गई है।
इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश के आसार
आईएमडी ने बताया कि जून से सितंबर तक यूपी में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। पूर्वी यूपी में 10% और पश्चिमी यूपी में 12% ज्यादा बारिश का अनुमान है। इसके साथ ही इस साल हीट वेव की संभावना भी कम जताई गई है और तापमान सामान्य के आसपास ही रहेगा।