शाहरुख प्रेम संबंध में बना था बाधा
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह के अनुसार, गुरुवार सुबह शाहरुख का शव उसके घर के पास एक दुकान के बाहर चबूतरे पर पड़ा मिला था। उसके सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी। शुरुआत में इस हत्याकांड में मोहल्ले के ही चार लोगों अमान, साजिब, अनीस और सालिम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। यह मुकदमा खुद मृतक की बहन फातिमा ने कराया था, जिसमें उसने पुराने विवाद का हवाला दिया था।
सीसीटीवी और कॉल डिटेल से हुआ खुलासा
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और कॉल डिटेल्स खंगालीं। फुटेज में एक युवक राजा दिखाई दिया, जिसकी पहचान गुलवेज उर्फ राजा के रूप में हुई। इसके आधार पर पुलिस ने राजा और उसके 16 वर्षीय साथी को गिरफ्तार किया।
एक लाख रुपये का लालच देकर कराई हत्या
पुलिस पूछताछ में राजा ने स्वीकार किया कि वह दो साल से फातिमा के साथ प्रेम संबंध में था, लेकिन शाहरुख इसका विरोध करता था और उसे मिलने-जुलने से रोकता था। इसी वजह से राजा ने शाहरुख को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। करीब 15 दिन पहले उसने एक लाख रुपये का लालच देकर नाबालिग को हत्या के लिए तैयार किया।
हत्या के पीछे थी पुरानी रंजिश भी
राजा ने बताया कि कुछ दिन पहले शाहरुख ने नाबालिग आरोपी के पिता की चप्पल से पिटाई कर दी थी। इस घटना के बाद राजा ने नाबालिग को बदला लेने के लिए उकसाया और हत्या की साजिश रची।
फातिमा की भूमिका संदिग्ध, जांच जारी
सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता ने बताया कि राजा और फातिमा के बीच हत्या से पहले और बाद में बातचीत हुई थी। कॉल डिटेल के आधार पर फातिमा की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। पुलिस साक्ष्यों के आधार पर फातिमा के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
झूठे मुकदमे में फंसाए गए चार बेगुनाह, समय रहते बची जान
शाहरुख की बहन फातिमा ने हत्या का आरोप अमान, साजिब, अनीस और सालिम पर लगाया था। उसने दावा किया कि 2016 में हुए विवाद की रंजिश में इन लोगों ने हत्या की। पुलिस ने चारों को हिरासत में ले लिया था, लेकिन जांच में मामला संदिग्ध नजर आने पर गहनता से पड़ताल की गई। इसके बाद सच सामने आया और चारों को निर्दोष मानते हुए छोड़ दिया गया। गिरफ्तारी और कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल तमंचा भी बरामद कर लिया है। राजा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया, जबकि नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने के बाद राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह भेजा गया।