विधान परिषद में आज विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने अबू आजमी की गिरफ्तारी पर सवाल पूछा, जिस पर सीएम फडणवीस ने कहा कि 100 प्रतिशत उन्हें जेल में डाला जाएगा। इस मामले में अबू आजमी के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
इससे पहले मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को सदन में अबू आसिम आजमी के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। जिसके बाद आजमी को मौजूदा बजट सत्र के खत्म होने तक महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। राज्य विधानमंडल का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा।
सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि औरंगजेब की प्रशंसा में बयान देना मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है। अबू आजमी अभी मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से सपा विधायक हैं।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में अबू आजमी को देशद्रोही तक कह दिया था और कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। सत्तापक्ष के नेता सपा विधायक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीँ, औरंगजेब पर दिए गए बयान को लेकर विपक्ष ने भी आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस बयान पर मचा बवाल
सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमा) तक पहुंच गई थी। देश का जीडीपी विश्व की जीडीपी का 24 प्रतिशत था और भारत को औरंगजेब के शासनकाल के दौरान सोने की चिड़िया कहा जाता था।
हालांकि विवाद बढ़ता देख सपा नेता ने अपना बयान वापस ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही है। उनके मुंबई के कोलाबा स्थित घर के बाहर पुलिस सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
शिवाजी महाराज का अपमान नहीं किया- अबू आजमी
अपने बयान पर विवाद बढ़ता देख सपा विधायक अबू आजमी ने सफाई दी। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना बयान वापस लेता हूं। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए अबू आजमी ने अपने औरंगजेब वाले बयान पर कहा “मैंने कोई बयान अपनी मर्ज़ी से नहीं दिया। मुझ से किसी रिपोर्टर ने पूछा कि असम के मुख्यमंत्री, राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से कर रहे हैं। मैंने वही कहा जो हमारे इतिहासकारों ने लिखा और बोला है। मैंने उनके नाम बताए हैं।”