जानकारी के मुताबिक, मुंबई पुलिस के अलावा इस मामले की जांच आरटीओ और बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) भी कर रही है। इस जांच को लेकर एक रिपोर्ट पुलिस को सौंपी गई है। आरटीओ की जांच में यह बात सामने आई है कि बस में कोई भी तकनीकी समस्या नहीं थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने हादसे के बाद आरोपी संजय मोरे का ब्लड टेस्ट करवाया था, जिसकी रिपोर्ट पुलिस को मिल गई हैं. इसमें बताया गया है कि दुर्घटना के समय मोरे नशे में नहीं था।
बता दें कि उपनगरीय कुर्ला (पश्चिम) में बेस्ट द्वारा लीज पर ली गई एक अनियंत्रित इलेक्ट्रिक बस ने सोमवार रात में पैदल यात्रियों और वाहनों को टक्कर मार दी। इस हादसे में सात लोगों की उसी दिन मौत हो गई थी और 42 अन्य घायल हुए थे। इस दुर्घटना में 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे।
बीएमसी के अधिकारी ने बताया कि हादसे में घायल हुए फजलू रहमान की सोमवार सुबह सायन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह घाटकोपर इलाके में रहते थे। बेस्ट ने कुर्ला दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है। बेस्ट प्रशासन ने दावा किया कि मोरे को ईवी बस चलाने की अनुमति देने से पहले तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि दुर्घटना का मुख्य कारण मानवीय भूल और प्रशिक्षण की कमी है।