कुछ लोग हिंदुओं का नेता बनना चाहते है- भागवत
पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन पर बोलते हुए भागवत ने कहा, ”हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।“ मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया विवाद उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।’’
भागवत ने गुरुवार को सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर व्याख्यान देते हुए देश में समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि भारत सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है। रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है। ऐसा सिर्फ हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं।
बता दें कि हाल के कुछ महीनों में मुस्लिम समुदाय से जुड़े स्थानों पर पहले मंदिर होने का दावा करते हुए सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों तक पहुंची हैं। हालांकि मोहन भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी भी जगह का नाम नहीं लिया है।
‘मोदी साहब, योगी जी के लिए बोले भागवत..’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर एनसीपी (शरद पवार) नेता रोहित पवार ने कहा, ”मुझे लगता है कि उनका बयान बीजेपी के बड़े नेताओं जैसे मोदी साहब (PM Modi), अमित शाह जी और योगी आदित्यनाथ जी के लिए है। उनके इस बयान से ऐसा लग रहा है कि जैसे बीजेपी में अब कुछ आंतरिक मुद्दे उठ रहे हैं…”