जानकारी के मुताबिक, शव के दाहिने हाथ पर ‘ओम’ का टैटू बना था, जो इस हत्या की गुत्थी सुलझाने की दिशा में पहला सुराग दिया। इसकी मदद से महज बारह घंटे में हत्याकांड को अंजाम देने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
अज्ञात शव मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इलाके से लापता व्यक्तियों की जानकारी इकट्ठा की। जांच के दौरान पता चला कि ससाणे नगर इलाके में रहने वाला सिद्धेश्वर भिसे (35) नामक व्यक्ति कुछ दिनों से लापता था। जब पुलिस ने उसकी तस्वीर और विवरण निकाला, तो पुष्टि हुई कि नदी के पास बरामद शव सिद्धेश्वर भिसे का ही था। इसके बाद पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए जांच को तेज कर दिया।
पुणे पुलिस ने सिद्धेश्वर की पत्नी योगिता भिसे (30) से पूछताछ की, लेकिन शुरू में उसने गोलमोल जवाब देकर अधिकारियों को भटकाने की कोशिश की। हालांकि, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की और सबूतों को सामने रखा तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस पूरे मामले में एक और नाम सामने आया, और वह था शिवाजी बसवंत सुतार (32) का, जो मृतक की पत्नी योगिता का प्रेमी बताया जा रहा है।
जांच में पता चला कि दोनों का रिश्ता शादी से पहले से था। शादी के बाद भी दोनों का मिलना जारी रहा, लेकिन इस रिश्ते में सबसे बड़ी अड़चन खुद सिद्धेश्वर था। जब दोनों को लगा कि सिद्धेश्वर उनके रिश्ते के बीच आ रहा है तो उन्होंने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 3 मार्च की आधी रात को योगिता और शिवाजी ने मिलकर सिद्धेश्वर का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए दोनों ने उसे बोरी में भरकर स्कूटर से नीरा नदी के किनारे फेंक दिया। हालांकि, उनकी योजना ज्यादा दिनों तक नहीं छिप सकी। शव मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले को सुलझाने में तेजी दिखाई और महज 12 घंटे के भीतर हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया।