मृतक ने विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने के लिए सूदखोरों से ब्याज पर रुपए उधार लिए थे। लेकिन वर्षों तक ब्याज चुकाने के बाद भी सूदखोरों ने मूलधन का ब्याज लेना जारी रखा। वसूली को लेकर मिल रही धमकियों के कारण वह कुछ दिनों से ज्यादा परेशान था।
पुलिस के अनुसार, वार्ड संख्या-5 मूंडवा निवासी संजय रामावत (47) पुत्र पुरूषोतम उर्फ गोर्वधनदास साद शहर में सिद्धार्थ आदर्श विद्या मंदिर तथा नेहरू इंटरनेशनल एकेडमी के नाम से दो विद्यालय चलाता था। संजय ने विद्यालयों के लिए ब्याज का कारोबार करने वालों से रुपए उधार लिए थे।
उस राशि का ब्याज चुकाते-चुकाते उसे सालों बीत गए, लेकिन सूदखोरों ने मूलधन का ब्याज लेना जारी रखा। इससे उस पर कर्जा बढ़ता गया। रुपए मांगने वाले सुबह स्कूल खुलने से पहले वहां पहुंच जाते। वसूली के लिए उसे धमकियां देने लगे। इससे परेशान होकर संजय रामावत ने गुरुवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
पूछने पर कहा था- कोई मिलने आ रहा है
प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को बताया कि वह सुबह झाड़ियों की तरफ जा रहा था। उस दौरान संजय रामावत वहां बैठा मिला। पूछने पर उसने बताया कि कोई मिलने आ रहा है, लेकिन थोड़ी ही देर में ट्रेन आ गई। घटना की सूचना मिलने पर मूंडवा थाना से एएसआई जगदीश सिंह, हेड कांस्टेबल प्रेमप्रकाश रांकावत, आसूचना अधिकारी सेनाराम जाप्ता के साथ मौके पर पहुंचे।
पिछले सदमें को नहीं भूले परिजन
गौरतलब है कि मृतक के छोटे पुत्र मनीष की करीब डेढ़ साल पहले रेल से कटने से मौत हो गई थी। परिवार उस सदमें से उभरा भी नहीं था कि पिता संजय ने मौत को गले लगा लिया। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है।
सूदखोरों के खिलाफ दी नामजद रिपोर्ट
पुलिस को दी गई रिपोर्ट में मृतक के पुत्र दीपक ने मूंडवा निवासी हड़मान जाट पुत्र बलदेवराम तथा कुछ अन्य लोगों पर पिता को परेशान करने तथा उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। उसने बताया पिता काफी दिन से बहुत ज्यादा परेशान थे। पूछने पर कहा कि मैंने सभी का कर्जा चुका दिया, फिर भी रुपए देने वाले मुझे परेशान करते हैं और जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं।
आरटीआई के रुपए भी सूदखोरों ने लिए
दीपक ने पत्रिका को बताया कि 23 जून से स्कूल खुलने पर ब्याज पर रुपए देने वाले लोग उनसे रुपए मांगने व धमकाने पहुंच जाते थे। सुबह से रात तक लोग उनका पीछा नहीं छोड़ते थे। गुरुवार को भी कुछ लोग स्कूल पहुंच गए, जबकि उसके पिता की मौत हो चुकी थी। इन लोगों ने उसके पिता से 5 व 10 की मिति से भी ब्याज वसूल लिया।
कुछ ने तो बीस की मिति से ब्याज वसूला है। उन सभी की जानकारी मेरे पास है, पुलिस को बताऊंगा। दीपक ने बताया कि आरटीई के तहत बच्चों के पुनर्भरण के करीब छह लाख रुपए विद्यालय के बैंक खाते में जमा हुए थे। वो भी नामजद आरोपी ने उन्हें गुमराह कर उठा लिए। गौरतलब है कि आम बोलचाल की भाषा में 24 प्रतिशत ब्याज की दर को दो की मिति का ब्याज बोला जाता है।
शहर के सभी स्कूलों ने की छुट्टी
रामावत करीब 19 साल से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े थे। उनके इस कदम से शिक्षा जगत में शोक की लहर है। शहर के सभी विद्यालयों में शोक सभा रखने के बाद छुट्टी कर दी गई। हर कोई उनको इस तरह प्रताड़ित करने को लेकर हैरान था।
इनका कहना है
मृतक के पुत्र की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया है। अनुसंधान में पूरे मामले का खुलासा होगा। पुलिस तत्परता से इस मामले की जांच करेगी।
-गोपाल सिंह ढाका, वृताधिकारी मूंडवा