ये योजनाओं हो रही हैं प्रभावित जिले में फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, कृषि यंत्र, तारबंदी, कृषि विषय में अध्ययनरत छात्राओं को छात्रवृत्ति आदि डीबीटी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सहायक निदेशक कृषि (मुख्यालय), कृषि अधिकारी (मिशन), कृषि अधिकारी (सामान्य), सहायक कषि अधिकारी की आवश्यकता है, लेकिन इनके पद भी लम्बे समय रिक्त चल रहे हैं। अधिकारियों के अभाव में वित्तीय वर्ष 2024-25 में आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति करना मुश्किल हो रहा है।
फसल बीमा का काम प्रभावित जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में किसानों की समस्याओं, प्रतिनिधियों की ओर से विभिन्न प्रकार की फसल बीमा संबंधी सूचनाएं, जिला प्रशासन की ओर से बीमा के क्रम आयोजित बैठकों में संकलित आंकड़े तैयार कर भेजने आदि के लिए सहायक निदेशक कृषि (सांख्यिकी) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके बावजूद यह पद भी रिक्त चल रहा है।
अधिकारी व कर्मचारी तनाव में कृषि विभाग में अधिकारियों के पद होने से संयुक्त निदेशक ने कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार दे रखा है, जिससे उन पर काम का बोझ गया है। काम के बोझ से कई कर्मचारी व अधिकारी तनाव में हैं।
नागौर की उपेक्षा चिंताजनक कृषि के क्षेत्र में नागौर जिले में कई संभावनाएं हैं, इसके बावजूद सरकारी योजनाओं के लक्ष्य अपेक्षाकृत कम मिलते हैं। प्याज भंडारण, डिग्गी निर्माण, जल स्रोत, पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने सहित उद्यानिकी को लेकर अन्य जिलों की तुलना में नागौर को कम लक्ष्य मिलते हैं। जिले के कई किसानों के खुद के स्तर पर उन्नत तकनीक अपनाकर नवाचार किए हैं। यदि किसानों को पूरा मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ मिले तो कृषि क्षेत्र में नागौर जिला अच्छे परिणाम दे सकता है।
– रामकिशोर, प्रगतिशील किसान मुख्यालय को अवगत करवाया है जिला कार्यालय में अधिकारियों के पद रिक्त होने से विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग कार्य प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया है।
– हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर