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नागौर

खेल सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठे तो सरकार ने मांग लिया तीन साल का रिकॉर्ड

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश कुमार बुनकर ने गत 2 अप्रेल को सभी जिलों के समग्र शिक्षा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश देकर पिछले तीन सालों में खरीदी गई खेल सामग्री का रिकॉर्ड मांगा है।

नागौरApr 15, 2025 / 10:44 am

shyam choudhary

घटिया सामग्री से कैसे खेलेगा राजस्थान?

घटिया सामग्री से कैसे खेलेगा राजस्थान?

नागौर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर की ओर से सरकारी स्कूलों में बीते वित्तीय वर्ष में खेल सामग्री का बजट देने की बजाए सीधे खेल सामान सप्लाई करने के बाद उठे विरोध के स्वर शांत करने के लिए परिषद ने पिछले तीन साल में खरीदी गई खेल सामग्री की जानकारी मांग ली। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश कुमार बुनकर ने गत 2 अप्रेल को सभी जिलों के समग्र शिक्षा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश देकर पिछले तीन सालों में खरीदी गई खेल सामग्री का रिकॉर्ड मांगा है। यह जानकारी देने में अब संस्था प्रधानों को जोर आ रहा है।
परियोजना निदेशक ने समग्र शिक्षा परियोजना अंतर्गत प्रति वर्ष राजकीय विद्यालयों में खेल सामग्री के क्रय व रखरखाव के लिए जारी की गई स्पोट्र्स ग्रांट की राशि से सत्र 2021-22, 20222-23 व 2023-24 के अंतर्गत समस्त विद्यालयों में राशि के उपयोग व क्रय की गई खेल सामग्री की सूचना निर्धारित प्रपत्र में मांगी है। हालांकि निदेशक ने यह जानकारी 5 कार्य दिवस में मांगी थी, जो आज तक नहीं दी जा सकी है। इसकी प्रमुख वजह जानकारी ज्यादा विस्तृत व जटिल होना माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कुछ संस्था प्रधानों ने खेल सामग्री के लिए मिली राशि का सही उपयोग भी नहीं किया, इसलिए उन्हें अब निर्धारित प्रपत्र में जानकारी देना भारी पड़ रहा है।
खेल सामग्री की गुणवत्ता पर उठे सवाल

गौरतलब है कि राज्य स्तर से टेंडर प्रक्रिया अपनाकर स्कूलों में पहुंचाए गए खेल सामान की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हुए थे। राजस्थान पत्रिका ने भी प्रदेश में विभिन्न जिलों में समाचार प्रकाशित कर खेल सामग्री की गुणवत्ता की पोल खोली थी। इसके बाद शिक्षक संगठनों ने नागौर सहित अन्य जिलों में ज्ञापन सौंपकर सप्लाई की गई खेल सामग्री की जांच की मांग की थी।
विरोध को दबाने के लिए मांग जानकारी

शारीरिक शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों का कहना है कि घटिया खेल सामग्री सप्लाई करने के बाद उठे विरोध के स्वरों को दबाने के लिए शिक्षा परिषद ने यह जानकारी मांगी है, ताकि वे इसी में उलझकर रह जाए।
यह मांगी जानकारी

शिक्षा परिषद ने एक प्रपत्र जारी किया है, जिसमें 30 से अधिक कॉलम बनाए गए हैं, जिनमें टेनिस बॉल क्रिकेट, क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल, कबड्डी, शूटिंग बॉल, रस्साकशी, खो-खो, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स सहित अन्य खेतों की क्रय की गई सामग्री की जानकारी भरनी है। साथ ही खेल सामग्री क्रय के लिए व्यय की गई कुल राशि, क्रय की गई खेल सामग्री का बिल क्रमांक व दिनांक, स्टॉक रजिस्टर में कौनसे पेज पर इन्द्राज है तथा उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का पत्रांक मय दिनांक की जानकारी मांगी है।
ये भी उठे सवाल

– आपूर्तिकर्ता फर्म का नाम अभी तक क्यों उजागर नहीं, टेंडर प्रक्रिया क्या रही।

– शिकायत मिलने के बाद फर्म पर कार्रवाई क्यों नहीं।

– फर्म का किसी नेता या मंत्री से कनेक्शन तो नहीं, जिसे बचाया जा रहा है।
– घटिया सामग्री से कैसे खेलेगा राजस्थान?

जानकारी एकत्र कर रहे हैं

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर की ओर से मांगी गई जानकारी एकत्र की जा रही है। अवकाश आने के कारण देरी हुई है। जल्द ही भिजवाएंगे।
– पृथ्वीसिंह, एपीसी, समग्र शिक्षा, नागौर

रिकॉर्ड देखा जा रहा है

खेल सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। वित्त विभाग को भी इसकी जांच के लिए कहा है। पिछले खेल सामग्री के रिकॉर्ड भी देखे जा रहे हैं।
– मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री

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