प्रमुख आयोजन
दिल्ली में विशेष कार्यक्रम: बीजेपी दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसका आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से होगा। इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक शामिल होंगे। देशभर में जागरूकता अभियान: बीजेपी ने देश के सभी जिलों और बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इनमें चित्र प्रदर्शनियां, संगोष्ठियां, कार्यशालाएं, और प्रबुद्ध सम्मेलन शामिल हैं, जिनमें आपातकाल के दौरान हुए दमन और लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को याद किया जाएगा।
लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान: आपातकाल के दौरान जेल गए और अत्याचार झेलने वाले लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 26 जून को अपने आवास पर सेनानियों को सम्मानित करेंगे, जहां एक पुस्तिका का विमोचन भी होगा।
स्कूल-कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता: बीजेपी ने स्कूलों और कॉलेजों में आपातकाल से संबंधित निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का फैसला किया है ताकि युवा पीढ़ी को इस ऐतिहासिक घटना की जानकारी दी जा सके।
PM मोदी ने किया पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, “आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाते हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल को ‘अन्यायकाल’ करार देते हुए कहा कि यह कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख का परिणाम था। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का बहाना बनाकर संविधान की हत्या की थी। कांग्रेस आज भी उसी मानसिकता के साथ चल रही है।”
आपातकाल का इतिहास
25 जून 1975 की मध्यरात्रि को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का हवाला देकर देश में आपातकाल लागू किया था, जो 21 मार्च 1977 तक चला। इस दौरान नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गईं, प्रेस की आजादी छीन ली गई, विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया, और संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ। बीजेपी का कहना है कि यह संविधान पर सबसे क्रूर हमला था।
विपक्ष में विरोध
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया और कहा कि बीजेपी स्वयं संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करती है। वहीं, कांग्रेस ग्वालियर में ‘संविधान सत्याग्रह’ का आयोजन कर रही है, जिसे बीजेपी के ‘संविधान हत्या दिवस’ के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
बीजेपी का उद्देश्य
बीजेपी का कहना है कि इस अभियान का मकसद न केवल आपातकाल के काले अध्याय को याद करना है, बल्कि लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करना भी है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के निर्देशानुसार, 25 जून 2025 से एक साल तक देशभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह आयोजन न केवल ऐतिहासिक घटना की याद दिलाएगा, बल्कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में भी संविधान और लोकतंत्र के मुद्दे पर चर्चा को तेज करेगा।