राहुल गांधी की निगरानी में संगठन सर्जरी
दरअसल, संगठन सृजन के तहत कांग्रेस इस साल अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त कर रही है। इसके तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मॉनिटरिंग में संगठन को खड़ा करने के लिए नए जुझारू नेताओं की तलाश चल रही है। पार्टी दो स्तर पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर रही है। राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर के पर्यवेक्षक फील्ड में जाकर कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उनका फीडबैक ले रहे हैं। इसी आधार पर जिलाध्यक्षों को बदला जा रहा है। गुजरात में 40 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पहले 43 राष्ट्रीय और 183 प्रदेश स्तरीय पर्यवेक्षक ब्लॉक स्तर तक पहुंचे। मध्यप्रदेश में भी इसी तरह से पर्यवेक्षक फीडबैक ले रहे हैं। डेढ़ दर्जन जिलाध्यक्षों की कुर्सी खतरे में
वहीं अब राजस्थान में आठ नए जिलों के साथ करीब डेढ़ दर्जन जिलों के निष्क्रिय अध्यक्षों को बदलने की कवायद शुरू होने वाली है। इसको लेकर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बैठक हो चुकी है। आने वाले कुछ दिनों में राजस्थान व हरियाणा के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
धीमी है निष्क्रिय पदाधिकारियों पर कार्रवाई
कांग्रेस ने 2025 में निष्क्रिय पदाधिकारियों के हटाने की घोषणा की थी, लेकिन इस काम की रफ्तार धीमी है। छह महीने बीतने के बावजूद अधिकांश राज्यों में निष्क्रिय पदाधिकारी बने हुए हैं।