क्यों महत्वपूर्ण है यह बुक?
पद्मजा की यह पुस्तक डायरी विधा में है। यह पुस्तक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सात वर्ष पहले पद्मजा के ब्रेन के पांच ऑपरेशन हुए थे और वे चलना, बोलना, खाना, पढ़ना, पढ़ना भूल गई थीं। पद्मजा ने 24 वर्ष की आयु में इन्हें दुबारा से सीखा। पद्मजा अभी मुंबई में रहती हैं और फोटोग्राफी और फिल्म्स बनाती हैं।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में डॉक्टर तापड़िया ने पद्मजा के ऑपरेशन से जुड़े अनुभव व दर्शकों के मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के प्रश्नों के जवाब दिए। देवयानी भारद्वाज, द्रोण, आयुषी, मूमल, अजंता देव, हर्षल के साथ – साथ पद्मजा के पिता कमल शर्मा तथा मां अनुपमा तिवाड़ी ने भी इस सीखने और पद्मजा के जीवन से जुड़े अनुभव साझा किए।