इंजीनियर दे सकता है स्पष्टीकरण
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह विरोधात्मक नहीं है। यदि हारने वाला प्रत्याशी स्पष्टीकरण चाहता है तो इंजीनियर स्पष्टीकरण दे सकता है कि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। दरअसल, एससी को बताया गया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों ने EVM में डमी प्रतीक और डेटा लोड कर दिया था और मूल मशीन का डेटा डिलीट हो गया था। CJI ने चुनाव आयोग से पूछा-डेटा क्यों हटाया गया
वहीं सीजेआई संजीव खन्ना ने चुनाव आयोग से पूछा कि डेटा क्यों हटाया गया और आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि ईवीएम डेटा नष्ट न हो। बता दें कि एससी ने यह टिप्पणी
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), हरियाणा और कांग्रेस नेताओं के एक समूह की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। याचिकाओं में मांग की गई थी कि अदालत आयोग को ईवीएम घटकों की मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए नीति बनाने का निर्देश दे।
इंजीनियरों द्वारा सत्यापन की थी मांग
याचिका में यह भी मांग की गई है कि ईवीएम की जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर का इंजीनियरों द्वारा सत्यापन कराया जाए ताकि यह साबित हो सके कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है। नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, देखें वीडियो…